facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बाजारों में एक महीने की बड़ी उछाल

कारोबारी शुल्क लागू करने में अमेरिका की देरी व चीन के नपे-तुले जवाब से निवेशकों का मनोबल सुधरा

Last Updated- February 04, 2025 | 11:08 PM IST
stock market

बेंचमार्क सूचकांकों में आज ज्यादातर एशियाई बाजारों की तरह उछाल आई। निवेशकों ने कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ कारोबारी शुल्क पर 30 दिन की रोक का स्वागत किया। सेंसेक्स 1.8 फीसदी यानी 1,397 अंकों की बढ़त के साथ 78,584 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 378 अंकों की उछाल के साथ 23,739 पर टिका। दोनों सूचकांकों के लिए यह बढ़ोतरी 2 जनवरी के बाद से सबसे बड़ी एक दिन की उछाल है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आयात पर अतिरिक्त शुल्क पर फिलहाल रोक लगाने की घोषणा की। इससे निवेशकों को राहत मिली। दोनों देशों ने सीमा पर चौकसी में इजाफे की कोशिशें बढ़ाने का वादा किया है। इससे पहले ट्रंप ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को हवा देते हुए कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25 फीसदी और चीनी सामान पर 10 फीसदी शुल्क लगाया था।

अमेरिकी शुल्कों पर चीन की नपी-तुली प्रतिक्रिया ने निवेशकों को भी आश्वस्त किया जो बातचीत को लेकर आशान्वित हैं। हालांकि चीन ने कई अमेरिकी कंपनियों को संभावित प्रतिबंधों की चेतावनी दी जिससे यूरोपीय शेयरों में गिरावट आई। भारतीय निवेशकों को आशा है कि चीन की तुलना में अमेरिका को कम निर्यात को देखते हुए भारत ट्रंप के कदम से बच जाएगा।

भारत के विनिर्माण क्षेत्र में सुधार के संकेतों ने भी निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया। बढ़ते निर्यात और नए ऑर्डरों के कारण जनवरी में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढ़कर 57.7 पर पहुंच गया जो दिसंबर में 12 महीने के निचले स्तर 56.4 पर था।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि टैरिफ को लेकर अभी भी काफी अनिश्चितताएं हैं। इसी कारण से बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा है। टैरिफ लागू करने पर 30 दिन के विराम को सकारात्मक घटनाक्रम माना जा रहा है लेकिन बुनियादी तौर पर कुछ खास नहीं बदला है। हालिया नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं।

धीमी आय और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी बिकवाली की चिंताओं के कारण भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में लगातार चार महीनों से गिरावट के शिकार हैं। इस बिकवाली ने कई शेयरों को सस्ता कर दिया है और कई शेयर अपने हालिया उच्चतम स्तर से तेजी से गिरे हैं।

मंगलवार को एफपीआई 809 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे जबकि घरेलू संस्थानों ने 431 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफपीआई 2 जनवरी के बाद पहली बार शुद्ध खरीदार रहे। दूसरी ओर, डीआईआई 16 दिसंबर के बाद पहली बार शुद्ध विक्रेता रहे। मुख्य रूप से बीएसई सूचकांकों को ट्रैक करने वाले पैसिव फंडों द्वारा आईटीसी होटलों में पुनर्संतुलन के लिए घरेलू संस्थानों की बिक्री को जिम्मेदार माना गया।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा कि हमें अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जीडीपी और आय में वृद्धि कुछ और तिमाहियों के लिए मुश्किल होगी और मूल्यांकन ऊंचे बने हुए हैं। हमें नई तेजी को बढ़-चढ़कर नहीं देखना चाहिए। एक अंक में आय वृद्धि के साथ हमारा महंगा बाजार है।

एचडीएफसी बैंक में 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ और सेंसेक्स की बढ़त में इसका योगदान सबसे ज्यादा रहा। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.3 फीसदी) और लार्सन ऐंड टुब्रो (4.8 फीसदी) का स्थान रहा। आरआईएल में यह तेजी रिलायंस रिटेल के चीनी फास्ट फैशन दिग्गज शीन के साथ गठजोड़ के बाद आई है, जिसे सरकार के प्रतिबंधों के पांच साल बाद भारत में फिर से लॉन्च किया जाएगा। टाटा समूह की कंपनी ट्रेंट के शेयरों में 6.4 फीसदी की गिरावट आई, जो निफ्टी में सबसे बड़ी गिरावट वाली कंपनी रही।

निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 1.6 फीसदी और 1.1 फीसदी की तेजी आई। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 2,422 शेयर चढ़े जबकि 1,499 में गिरावट आई। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 425 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

First Published - February 4, 2025 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट