बाजार में भले ही अभी मंदी का दौर चल रहा हो लेकिन कारपोरेट इंडिया इस वित्त्तीय वर्ष की चौथी तिमाही तक प्राइवेट इक्विटी निवेश में बढ़ोतरी देख सकेगा क्योंकि आशा की जा रही है कि तब तक महंगाई में कुछ कमी आएगी और बाजार में तेजी के लौटने की भी संभावना है।
वेंचर इंटेलीजेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुन नटराजन ने कहा कि अभी प्राइवेट इक्विटी के प्रमोटर्स देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं क्योंकि अभी बाजार में मंदी का दौर चल रहा है। इससे प्रमोटर्स अभी आईपीओ लाने में हिचकिचा रहे हैं और ऐसा ही कुछ पीई डील में भी हो रहा है।
हालांकि रिपोर्ट में यह भी संभावना ब्यक्त की गई है कि भारत में प्राइवेट इक्विटी डील में अप्रैल से जून की तिमाही में 20 फीसदी तक गिरावट आ सकती है और यह 2.8 अरब डॉलर केस्तर तक पहुंच सकता है। नटराजन ने कहा कि चौथी तिमाही तक प्रमोटर्स आईपीओ या पीई सौदे करने के बारे में विचार कर सकते हैं लेकिन तब तक बाजार में पीई सौदों में मंदी देखी जा सकेगी। जून में भी मंदी की वजह से कम पीई इक्विटी सौदे देखे गए।
वेंचर इटेलीजेंस के अध्ययन के मुताबिक अप्रैल से जून के बीच में कुल 77 सौदे हुए थे जो कि मार्च के महीनें में हुए 3.6 अरब डॉलर के 115 सौदों से बहुत कम है। एजेंसी ने कहा कि साल 2008 की पहली छमाही में कुल 6.3 अरब डॉलर के इक्विटी सौदे हुए जो पिछले साल के इसी समय में हुए 5.4 अरब डॉलर से ज्यादा है। पिछले साल जून की तिमाही में 1.09 अरब डॉलर के कुल 74 सौदे हुए थे। जून के महीने में बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 18 फीसदी की गिरावट देखी गई जो पिछले सोलह सालों में एक महीनें में हुई सबसे ज्यादा गिरावट है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रावधानों को कड़ा किए जाने से कारपोरेट आय में भी अगली तिमाहियों में गिरावट देखी जा सकेगी। प्राइवेट इक्विटी फर्म ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहती हैं जो दो से तीन साल में आईपीओ लेकर आने वाली हों। फर्म ने अपने अध्धयन में कहा कि वित्त्तीय क्षेत्र, इंजीनियरिंग, बैंकिंग, सिक्योरिटी और निर्माण क्षेत्र के सौदों में तेजी से गिरावट आई है जबकि पॉवर और टेलीकॉम सेक्टर निवेश को आकर्षित करने में कामयाब रहे।
वेंचर इंटेलीजेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्जुन नटराजन ने कहा कि सबसे उल्लेखनीय बात तो यह रही कि हेल्थकेयर और लाइफसाइंस क्षेत्र की ओर पीई निवेशकों के रुझान में बढ़ोतरी देखी गई। जून की तिमाही में सबसे बड़ा निवेश आइडिया सेल्यूलर द्वारा प्रॉविडेंस इक्विटी पार्टनर के जरिए 640 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाना रहा।
बाजार की बेरुखी के बावजूद जून की तिमाही में दो बिलियन से भी ज्यादा का पीई इनवेस्टमेंट रहा। जिसमें इंफ्रास्ट्रक्टर पर मुख्य फोकस रहा। थ्रीआई और एक्सिस ने इस सेगमेंट में निवेश किया। जून के महीने के दौरान महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गोल्डमैन सैक्स से 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया।