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फार्मा:-मुफीद नुस्खा

Last Updated- December 07, 2022 | 4:45 AM IST

निवेशक कमजोर बाजार को दुरूस्त करने के लिए किसी भी प्रकार के रामबाण की तलाश में हैं।


इसके अलावा निवेशक इस समय सुरक्षात्मक खेल खेलते हुए रेनबैक्सी और सन फार्मा जैसी कंपनियों में निवेश कर रहें हैं,जिनके शेयर 52 हफ्तों की सबसे ऊंची कीमत के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। जबकि सिपला 206 रुपये की कीमत के साथ इस साल सपाट स्तर बरकरार रखे हुए है।

डॉ.रेड्डीज के शेयरों की बात करें तो इनके शेयरों की कीमतों में चार फीसदी की गिरावट के साथ कीमत 692 रुपये के स्तर पर है। बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक में संवेदी सूचकांक के 25 फीसदी के मुकाबले महज 2 फीसदी की गिरावट आई है और यह 4319 की कीमत पर बना हुआ है। लेकिन इस स्थिति से अब फार्मा शेयर की कीमतों में उछाल दिखने को मिलता है या नही यह देखना खासा दिलचस्प होगा।

हालांकि,इनकी कीमतों इस दौरान कोई तेजी का रूख आ पाएगी इसमें संदेह तो है मगर इसमें जारी गिरावट अब काबू में आ सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि  फार्मा क्षेत्र की बड़े नाम वाली दवाओं की बिक्री में जबरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा रुपये के मूल्यों में आगामी गिरावट से इनके मुनाफे में भी इजाफा होगा।

3,356 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली सन फार्मा के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2009 में अमेरिकी बिक्री को छोड़कर इसे 18 से 20 फीसदी की टॉपलाइन ग्रोथ होनी चाहिए। इस कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ में इसकी अमेरिका स्थित कंपनी करोके की हिस्सेदारी 25 फीसदी है। इस कंपनी की इतनी ग्रोथ की वजह कंपनी केद्वारा एंटी-डिप्रेसिव प्रोडक्ट लांच किया जाना रहा।

हालांकि इस बार कंपनी की बढ़त पिछले वित्त्तीय वर्ष की बढ़त 57 फीसदी से कम रहनी चाहिए। पिछले वित्त्तीय वर्ष में कुछ विशेषीकृत उत्पादों की वजह से कंपनी की ग्रोथ अच्छी रही थी। कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 17.6 गुना के स्तर पर हो रहा है। 6,692 करोड़ की रैनबैक्सी भी बेहतर घरेलू बिक्री की वजह से आत्मविश्वास में है।

कंपनी ने वित्त्तीय वर्ष 2008 में 18 से 20 फीसदी की बढ़त हासिल की थी। जबकि वित्त्तीय वर्ष 2007 में कंपनी की बिक्री 10.3 फीसदी रही थी। ऑर्चिड केमिकल के हुए हाइयर मार्जिन वैक्टेरियल मेडिसिन केलिए समझौते से कंपनी के राजस्व में बढ़त होनी चाहिए। वर्तमान बाजार मूल्य पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2008 में अर्जित आय के 23 गुना के स्तर पर हो रहा है। इस स्तर पर कंपनी केस्टॉक का कीमत कुछ महंगी है।

जबकि 4,227 करोड की सिपला को अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2009 में कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ 12 से 15 फीसदी पर रहेगी। इसकी वजह है कि कंपनी को इस बार टेक्नोलॉजी लाइसेसिंग से कम लाभ मिलने की संभावना है। सिपला के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 20.7 गुना के स्तर पर हो रहा है।

डॉ रेड्डीज को जहां वित्त्तीय वर्ष 2008 में संचित राजस्व में 55 फीसदी का नुकसान हुआ था वहीं वित्त्तीय वर्ष 2009 के कंपनी को अनुमान है कि उसके राजस्व में 25 फीसदी की वृध्दि होगी। मौजूदा बाजार मूल्य 692 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 18 गुना के स्तर पर हो रहा है।

भारतीय बाजार-निराशाजनक प्रदर्शन

भारतीय बाजार के भविष्य में भी खराब प्रदर्शन करने के आसार हैंऔरयह दिन पर दिन सस्ता होता जा रहा है। सोमवार को हुए कारोबार में एशिया के ज्यादातर बाजार दो फीसदी नीचे रहे जिसकी वजह थी पिछले शुक्रवार को डो जोन्स में आने वाली 400 अंकों की गिरावट रही। इसकी तुलना में सेसेंक्स में तीन फीसदी की गिरावट देखी गई।

भारत का प्रदर्शन उभरते बाजारों में दूसरे सबसे खराब स्तर पर रहा। 15,066 अंकों के स्तर पर सेसेंक्स में कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से महज 15 गुना के स्तर पर हो रहा है। यह इतना ज्यादा परेशानी वाला नहीं है क्योंकि इसमें कई कंपनियों की सब्सडियरी कंपनियों के प्रदर्शन को शामिल नहीं किया गया है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में छाई मंदी को देखते हुए वैश्विक रुप से निवेशक उन अर्थव्यवस्थाओं की ओर गौर कर रहे हैं जिन अर्थव्यवस्थाओं की अमेरिका पर कम से कम निर्भरता है। दूसरे शब्दों में निवेशक उन अर्थव्यवस्थाओं की ओर रुख कर रहें है जो ज्यादा से ज्यादा घरेलू उत्पादों और कारोबार पर निर्भर हैं।

हालांकि भारत और चीन के बाजार में कारोबार हाई प्रीमियम पर  हो रहा है जबकि एशिया के अन्य प्रमुख बाजार जैसे थाईलैंड,हांगकांग,कोरिया और इंडोनेशिया सस्ते बाजार बने हुए हैं। इसलिए निवेशक जब जोखिम लेना ही चाहते हैं तो वे पहले इन बाजारों में निवेश करते हैं। आगे भारतीय बाजार के महंगे होने के आसार हैं। इसकी वजह है कि जिस अर्निंग ग्रोथ की बात विश्लेषक कर रहे थे,वैसा होने की संभावना कम ही है। इसके लिए माइक्रोइकोनॉमिक हेडविड प्रमुख वजह है।

First Published - June 10, 2008 | 11:03 PM IST

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