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Power stocks: बारिश से गिरी बिजली की मांग, लेकिन लॉन्ग टर्म में दमदार हैं ये 3 स्टॉक्स; एक्सपर्ट बोले– गिरावट में खरीदें

NTPC, टाटा पावर और पावर ग्रिड जैसे स्टॉक्स पर बारिश का पड़ा असर, लेकिन एनालिस्ट्स को है लॉन्ग टर्म रिटर्न्स का भरोसा

Last Updated- July 04, 2025 | 8:34 AM IST
Power stocks

SBI कैपिटल की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार अप्रैल से जून की तिमाही (Q1FY26) में गर्मी कम पड़ी और बारिश ज्यादा हुई, जिससे बिजली की खपत में गिरावट दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में 60 फीसदी दिन ऐसे थे जब सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, जिससे तापमान भी नीचे चला गया।

इसका सीधा असर यह हुआ कि इस तिमाही में बिजली की सप्लाई सालाना आधार पर करीब 1.5 फीसदी घट गई। यह पहला मौका है जब वित्त वर्ष 2016 के बाद (कोविड काल FY21 को छोड़कर) Q1 में बिजली की मांग में गिरावट आई है। मई 2025 में बिजली की अधिकतम मांग 231 गीगावॉट रही, जबकि मई 2024 में यह 250 गीगावॉट थी, यानी 7.5 फीसदी की गिरावट।

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बिजली कंपनियों के लिए कमाई का खतरा

एसबीआई कैपिटल का कहना है कि मौसम आधारित मांग में ऐसी अस्थिरता आगे भी बनी रह सकती है, जो उन कंपनियों पर दबाव डाल सकती है जिनका खर्च ज्यादा है। ऐसी कंपनियों को अपने मुनाफे को बचाने के लिए अक्सर मर्चेंट मार्केट (खुले बाजार) का सहारा लेना पड़ सकता है।

शेयर बाजार में बिजली उत्पादन से जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स ने Q1FY26 में अलग-अलग प्रदर्शन किया है। एनटीपीसी का शेयर करीब 6.4% गिरा, जबकि JSW एनर्जी और टोरेंट पावर भी इसी तरह गिरे। हालांकि बाद में बाजार में आई मजबूती से इन स्टॉक्स ने कुछ हद तक रिकवरी की।

इस दौरान बीएसई सेंसेक्स में करीब 8% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि बीएसई पावर इंडेक्स ने कमजोर प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 5.2% की बढ़त दिखाई।

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निकट भविष्य में चुनौतियां, लेकिन लॉन्गटर्म में आशा

WealthMills Securities के इक्विटी स्ट्रैटेजी डायरेक्टर क्रांति बाथिनी का कहना है कि पावर सेक्टर की लंबी अवधि की तस्वीर अभी भी बेहतर है, लेकिन फिलहाल मौसम से जुड़ी अस्थिरता की वजह से थोड़ा दबाव रह सकता है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इस समय ‘बाय ऑन डिप्स’ यानी गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाएं।

Religare Broking के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिटेल रिसर्च) रवि सिंह ने बताया कि डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे सेक्टर्स से आने वाली नई मांग बिजली कंपनियों के लिए लॉन्गटर्म में फायदेमंद साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि कई मजबूत स्टॉक्स में लंबे समय बाद ब्रेकआउट दिख रहा है और विदेशी निवेशक भी अब बिजली कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।

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IEA और ICRA का पॉजिटिव अनुमान

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, अगले तीन सालों में भारत की बिजली की मांग औसतन 6.3% सालाना की दर से बढ़ सकती है, जो 2015–2024 के औसत 5% से ज्यादा है। वहीं, रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि FY26 से FY30 के बीच देश की बिजली मांग 6–6.5% की दर से बढ़ेगी। इनमें EV, ग्रीन हाइड्रोजन और डेटा सेंटर से आने वाली मांग का योगदान 20–25% तक हो सकता है।

NHPC, पावरग्रिड और टाटा पावर में दिख रही तेजी

रवि सिंह का मानना है कि NHPC, पावर ग्रिड और टाटा पावर जैसे स्टॉक्स में मौजूदा स्तरों से 8–10% की बढ़त देखने को मिल सकती है। हालांकि हालिया तेजी के बाद ये स्टॉक्स कुछ समय से कंसोलिडेशन जोन में हैं, लेकिन तकनीकी चार्ट पर अब इनमें नई ब्रेकआउट के संकेत मिल रहे हैं।

First Published - July 4, 2025 | 8:34 AM IST

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