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SIP में रिकॉर्ड निवेश, लेकिन आधे से ज्यादा अकाउंट जल्द ही हो रहे बंद! जानिए वजह

फिनटेक प्लेटफॉर्मों की बढ़ती हिस्सेदारी के बीच निवेशक तेजी से बदल रहे हैं पोर्टफोलियो, एसआईपी की होल्डिंग अवधि घटी

Last Updated- March 06, 2025 | 11:18 PM IST
SIP

घरेलू म्युचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के पंजीकरण में रिकॉर्ड उछाल दर्ज की गई है। मगर एसआईपी खातों को समय से पहले बंद करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। साल 2023 में 3.48 करोड़ एसआईपी का पंजीकरण हुआ था, मगर 2024 के आखिर तक उनमें से महज 1.82 करोड़ एसआईपी खाते ही सक्रिय थे। इसका मतलब साफ है कि पंजीकरण के दो साल के भीतर बंद होने वाले एसआईपी खातों की दर 48 फीसदी रही।

मगर पिछले वर्षों के दौरान समय से पहले बंद होने एसआईपी खातों की दर इससे कम थी। साल 2022 में 2.57 करोड़ एसआईपी खातों का पंजीकरण हुआ और उनमें से 42 फीसदी खाते 2023 के अंत तक बंद हो गए थे। सूत्रों से प्राप्त ये आंकड़े म्चुचुअल फंडों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की मासिक रिपोर्ट से प्राप्त एसआईपी लॉन्गिविटी डेटा से लिए गए हैं जो केवल फंड कंपनियों के पास ही उपलब्ध होते हैं।

इन आंकड़ों से विभिन्न एसआईपी खातों के अलग-अलग समय तक सक्रिय रहने का पता चलता है। साल 2023 में शुरू किए गए और 2024 के आखिर तक सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या निर्धारित करने के लिए 2023 में एसआईपी के कुल पंजीकरण की तुलना उन एसआईपी खातों से की गई है जो 31 दिसंबर, 2024 को 1-2 साल पुराने थे।

उद्योग और निवेश विशेषज्ञों द्वारा लंबी अवधि के इक्विटी एमएफ निवेश के लिए एसआईपी की सलाह दी जाती है। आम तौर पर 3 साल से अधिक निवेश को बरकरार रखना आदर्श माना जाता है। म्युचुअल फंड उद्योग के अधिकारियों के अनुसार, एसआईपी पंजीकरण में हो रही लगातार वृद्धि के साथ-साथ बंद होने वाले एसआईपी खातों की संख्या को देखने से पता चलता है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में तेजी से बदलाव कर रहे हैं। एसबीआई एमएफ के उप प्रबंध निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डीपी सिंह ने कहा, ‘एसआईपी खातों के बंद होने में तेजी मुख्य तौर पर फिनटेक प्लेटफॉर्मों की अधिक हिस्सेदारी का नतीजा है।’

निवेश में सुगमता एवं बिना कमीशन वाले डायरेक्ट प्लान के कारण हाल के वर्षों में ग्रो, जीरोधा आदि फिनटेक प्लेटफॉर्मों की लोकप्रियता बढ़ी है। मगर इन प्लेटफॉर्मों के जरिये किए गए निवेश में बैंक एवं व्यक्तिगत वितरक जैसे पारंपरिक वितरण चैनलों के मुकाबले होल्डिंग अवधि कम होती है। एम्फी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, रेगुलर प्लान के तहत अधिकांश निवेश की होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक है। जबकि फिनटेक प्लेटफॉर्मों एवं ऑनलाइन चैनलों के जरिये वितरित होने वाले डायरेक्ट प्लान के मामले में होल्डिंग अवधि कम है।

मार्च 2024 तक 21.2 फीसदी रेगुलर प्लान में निवेश की होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक थी जबकि डायरेक्ट प्लान के मामले में यह आंकड़ा महज 7.7 फीसदी था। डायरेक्ट प्लान की शुरुआत 2013 में की गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इससे पता चलता है कि मध्यस्थों द्वारा दी गई सलाह से ऐतिहासिक तौर पर लंबी अवधि के निवेशक तैयार करने में मदद मिली है।’

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों द्वारा एसआईपी में संपादन का विकल्प उपलब्ध कराए जाने के कारण भी एसआईपी खातों में बदलाव की दर बढ़ी है। इससे निवेशक नए एसआईपी पंजीकरण के लिए प्रेरित हो सकते हैं। म्युचुअल फंड उद्योग में रिकॉर्ड रफ्तार से नए खाते जुड़ रहे हैं। साल 2024 में सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई। इस दौरान शुद्ध रूप से 2.68 करोड़ खाते जुड़े। मगर शेयर बाजार में हालिया गिरावट ने एसआईपी पंजीकरण की रफ्तार को धीमा कर दिया है।

First Published - March 6, 2025 | 11:18 PM IST

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