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लंबी अवधि के रुझान के अनुरूप रिटर्न

Last Updated- May 25, 2023 | 10:37 PM IST

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा से एक दिन पहले यानी 15 मई, 2014 से 24 मई ,2014 तक सेंसेक्स 159 प्रतिशत चढ़ा। करीब 207 फीसदी की तेजी दर्ज करने वाले नैस्डैक कंपोजिट ने ही प्रमुख इक्विटी बेंचमार्क के बीच सेंसेक्स के प्रदर्शन को बेहतर किया। पिछले नौ साल में वित्तीय बचत में सुधार से म्युचुअल फंड (MF) के जरिये शेयर बाजार में भारी निवेश हुआ है।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दस साल के कार्यकाल के दौरान में सेंसेक्स में करीब चार गुना उछाल आई थी।

विश्लेषकों ने कहा कि नोटबंदी, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और नए दिवाला कानून जैसे बड़े नीतिगत फैसलों के कारण बड़े स्तर का उतार-चढ़ाव देखा गया जिसके चलते रिटर्न प्रभावशाली रहा है।

कोविड महामारी के दुनिया भर में प्रसार के चलते वैश्विक स्तर पर बाधा देखी गई और इसके परिणामस्वरूप विकसित दुनिया के ब्याज दरों में बदलाव देखे गए।

पिछले नौ वर्षों के दौरान वित्तीय बचत में सुधार ने म्युचुअल फंड के जरिये इक्विटी बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ाया। इससे पिछले नौ साल के दौरान इक्विटी म्युचुअल फंड में शुद्ध निवेश 7 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) का प्रवाह 3.1 लाख करोड़ रुपये रहा। मजबूत निवेश ने बाजार को पिछले साल भारी एफपीआई बिकवाली से हुई परेशानी को कम करने में मदद की।

नियमन के संदर्भ में प्रतिभूति कानून संशोधन अधिनियम 2014, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को तलाशी और जब्ती, कुर्की-वसूली, किसी भी व्यक्ति से सूचना मांगने का अधिकार और रद्द करने की शक्तियां देता है। वर्ष 2015 में पूर्ववर्ती जिंस डेरिवेटिव नियामक का सेबी में विलय कर दिया गया था। सेबी की पहली महिला प्रमुख ने भारतीय शेयर बाजार के लिए टी+1 निपटान चक्र में बदलाव को बढ़ावा दिया।

पिछले एक दशक में निवेशकों के अनुकूल नियमों के चलते म्युचुअल फंड उद्योग को प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों को चौगुना करने में मदद मिली।

सेबी ने रिट्स और इनविट जैसी नई योजनाओं के लिए व्यापक मसौदा लाने की पहल की साथ ही सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा खुलासे में वृद्धि, आईपीओ मानदंड, कॉरपोरेट प्रशासन में वृद्धि, ईएसजी ढांचे में आमूल-चूल बदलाव और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और वैकल्पिक निवेश फंडों से संबंधित नियमों में कई संशोधन लाने जैसी पहल भी हुई।

वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) भी लॉन्च किया।

वर्षों से, इसने नियमों के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण, एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और आईएफएससी में एक बुलियन एक्सचेंज की स्थापना की।

First Published - May 25, 2023 | 10:37 PM IST

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