सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में रुपये में मजबूती आई है। डीलरों ने कहा कि विदेशी प्रवाह आने से ऐसा हुआ है। डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 6 महीने से ज्यादा समय के एक दिन के उच्च स्तर 82.65 रुपये पर पहुंच गई। हालांकि अतिरिक्त उतार-चढ़ाव पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की खरीद के कारण रुपये ने कारोबार के अंत में कुछ मजबूती गंवाई।
डॉलर के मुकाबले रुपया 82.76 पर बंद हुआ, जो 4 सितंबर 2023 के बाद का मजबूत स्तर है, जबकि इसके पहले सत्र में 82.79 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक और कोषागार के प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘डॉलर की आवक जारी रहने के कारण भारतीय रुपया 82.6487 प्रति डॉलर तक खरीदा गया। फिर रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया और डॉलर खरीदा। इससे रुपया एक दिन के निचले स्तर 82.77 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।’
डीलरों ने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी के यील्ड में गिरावट और एशियाई समकक्षों की मजबूती के कारण दिन के दौरान रुपये को मदद मिली।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रुपये को मुख्य रूप से अमेरिकी यील्ड का समर्थन मिला। रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण यह पहले के दिन के कारोबार के स्तर पर बंद हुआ।’
कारोबारी अब फरवरी के अमेरिका और भारत के खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं, जो मंगलवार को जारी होगा।
भंसाली ने कहा, ‘प्रवाह जारी रहने की उम्मीद है और कल (मंगलवार को) रुपया 82.60 से 82.85 के बीच रहने की संभावना है। हम कल के अमेरिकी सीपीआई, भारत के सीपीआई और भारत के आईआईपी का इंतजार कर रहे हैं।’
इसके साथ ही रिजर्व बैंक का 6 अरब डॉलर का डॉलर-रुपया खरीद बिक्री स्वैप सोमवार को परिपक्व हो गया, जिस पर कारोबारियों की नजर थी। कारोबारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने इसका नवीकरण न करने का विकल्प चुना और इसकी डिलिवरी ली, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये की उपलब्धता दोनों मजबूत हो सके।
केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक रविवार को बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी 28,926 करोड़ रुपये थी।