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कम आय से SBI व कोटक बैंक के शेयर टूटे

प्रावधानों और उच्च परिचालन व्यय के कारण बैंकों की आय पर असर, निवेशकों की चिंता बढ़ी

Last Updated- May 05, 2025 | 10:53 PM IST
Share Market

भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर सोमवार को टूट गए। इसकी वजह दोनों बैंकों की आय चौथी तिमाही में कमजोर रहना है। एसबीआई का शेयर 1.26 फीसदी गिरा जबकि कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में करीब 4.5 फीसदी की गिरावट आई। एसबीआई का शेयर बीएसई पर 790 रुपये पर बंद हुआ जबकि कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर 2,085.05 रुपये पर टिका।

प्रावधानों में बढ़ोतरी के कारण एसबीआई का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 10 फीसदी घटकर 18,643 करोड़ रुपये रह गया। ऋणदाता की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर सिर्फ 2.69 फीसदी की बढ़त के साथ 42,775 करोड़ रुपये रही। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) चौथी तिमाही में घटकर 3 फीसदी रह गया जो पिछली तिमाही में 3.10 फीसदी और एक साल पहले की इसी अवधि में 3.30 फीसदी रहा था।

एमके ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा, एसबीआई के लिए तिमाही थोड़ी नरम रही क्योंकि कॉरपोरेट ऋणों के पूर्व भुगतान के कारण ऋण की वृद्धि दर सालाना आधार पर घटकर 12.4 फीसदी रह गई जबकि उच्च परिचालन व्यय (कर्मचारी लागत और जमा बीमा) और प्रावधानों (मानक संपत्ति, निवेश और पीएलआई प्रोत्साहन) के कारण आय में 5 फीसदी की कमी आई।

मैक्वेरी कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, प्रबंधन ने वित्त वर्ष 26 में एनआईएम का अनुमान 3 फीसदी पर रखा है। यह आश्चर्यजनक है क्योंकि इसमें उसने इस चक्र में दरों में 100 आधार अंक की कटौती शामिल की है। उसे उम्मीद है है कि दरों में कटौती के कारण एनआईएम में गिरावट सीमित रहेगी।

उधर, कोटक महिंद्रा बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की जो कि ऊंचे प्रावधानों और उच्च परिचालन व्यय के कारण 3,552 करोड़ रुपये रही। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 5 फीसदी बढ़कर 7,284 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। अन्य आय पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 7 फीसदी बढ़कर 3,182 करोड़ रुपये रही।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में इसका शुद्ध ब्याज मार्जिन 4.97 फीसदी रहा जबकि एक साल पहले यह 5.28 फीसदी था। तिमाही में कर्ज चूक सालाना आधार पर ज्यादा रही, लेकिन तिमाही दर तिमाही कम थी। कॉरपोरेट बैंकिंग के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड में गिरावट के बीच ऋण वृद्धि सालाना आधार पर 13.5 फीसदी और तिमाही आधार पर 3.2 फीसदी रही। प्रतिबंध हटने के बाद पर्सनल लोन, कारोबारी ऋण और उपभोक्ता ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

मैक्वेरी कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रबंधन ने संकेत दिया है कि पर्सनल लोन सेगमेंट में चूक वाले कर्ज में कमी शुरू हो गई है। लेकिन क्रेडिट कार्ड और माइक्रोफाइनेंस (एमएफआई बुक) में कर्ज चूक अभी भी ऊंचे स्तर पर है। लिहाजा, उसे उम्मीद है कि अगली दो तिमाहियों में क्रेडिट लागत ऊंची बनी रहेगी।

(डिस्क्लेमर : बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक समूह के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है)

First Published - May 5, 2025 | 10:53 PM IST

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