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सेबी ने ‘चंदामामा’ की प्रकाशक फर्म के तीन पूर्व कार्यकारियों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार से रोका

Last Updated- December 21, 2022 | 5:56 PM IST
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सेबी ने बच्चों की पत्रिका चंदामामा की प्रकाशक जियोडेसिक लिमिटेड के तीन पूर्व शीर्ष कार्यकारियों को धन की हेराफेरी के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार से प्रतिबंधित किया गया है।

उनमें जियोडेसिक की प्रबंध निदेशक रहीं किरण कुलकर्णी, कंपनी के पूर्व चेयरमैन पंकज कुमार और कंपनी के निदेशक और अनुपालन अधिकारी प्रशांत मुलेकर शामिल हैं। बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका चंदामामा की प्रकाशक चंदामामा इंडिया लिमिटेडए जियोडेसिक लिमिटेड की अनुषंग्भ् कंपनी थी। सेबी ने सोमवार को पारित अपने 56 पृष्ठ के आदेश में कहा कि इन लोगों 2008 में विदेशी निवेशकों से विमोच्य विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड के जरिये कंपनी द्वारा जुटाई गई 12.5 करोड़ डॉलर की राशि को इधर-उधर किया।

यह राशि पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनियों सहित अन्य फर्मों में निवेश के उद्देश्य से जुटाई गई थी। वित्त वर्ष 2011-12 के लिए कंपनी का अंकेक्षित बही-खाता भ्रामक वित्तीय आंकड़ों से भरा पड़ा था और कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य के संदर्भ में सही एवं वास्तविक आंकड़े नहीं दर्शाता था। सेबी द्वारा नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया कि कंपनी की ओर से जटिल स्तर के लेनदेन को अंजाम दिया गया था।

इस तरह के कृत्यों के पीछे कुलकर्णी, कुमार और मुलेकर थे, जो फर्म के प्रवर्तक और निदेशक थे। खातों में दर्शाया गया कि इस धन को पहले कंपनी के विदेशी अनुषंगी कंपनियों- हांगकांग की जीटीएसएल और मॉरीशस की जियोडेसिक होल्डिंग लिमिटेड में लगाया गया, जिसे बाद में संदिग्ध स्थिति वाले अन्य कंपनियों में हेराफेरी कर भेजा गया था।

सेबी ने सोमवार को पारित अपने 56 पृष्ठ के आदेश में कहा, ‘जो निवेश दर्शाया गया वह विदेशी अनुषंगी कंपनियों में किया गया था।’ इन विदेशी अनुषंगी कंपनियों के खातों से इस निवेश को संदिग्ध स्थिति वाली अन्य विभिन्न कंपनियों में स्थानांतरित किया गया। अंतत: बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद कंपनी का परिसमापन हो गया।

इसके बाद सेबी ने इन लोगों के प्रतिभूति बाजार में कारोबार पर रोक लगा दी है। बंबई उच्च न्यायालय के कंपनी पंजीयक द्वारा 2016 में एक पत्र मिलने के बाद सेबी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। पत्र में सेबी को एचडीएफसी बैंक लिमिटेड बनाम जियोडेसिक के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के बारे में सूचित किया।

आगे सेबी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को फर्म के निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद, बाजार नियामक ने नियामकीय मानदंडों के संभावित उल्लंघनों का पता लगाने के लिए जियोडेसिक के बही-खातों की जांच शुरू की। जांच अप्रैल, 2011 से मार्च, 2012 की अवधि के लिए की गई थी।

First Published - December 21, 2022 | 5:51 PM IST

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