बाजार नियामक SEBI ने बुधवार को 35वें स्थापना दिवस के मौके पर नए लोगो का अनावरण किया। नए लोगो में पारंपरिक नीले रंग का पैलेट बरकरार है, लेकिन यह और अत्याधुनिक डिजाइन पर प्रतिबिंबित भी होता है।
SEBI की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा, SEBI का नया लोगो नियामक की समृद्ध परंपराओं के अद्भुत समन्वय को प्रतिबिंबित करता है, साथ ही नए डेटा व टेक्नोलॉजी आधारित तौर-तरीकों को भी, जो SEBI को सौंपे गए तीन क्षेत्रों प्रतिभूति बाजार के विकास, प्रतिभूतियों के विनियमन और निवेशकों के संरक्षण से जुड़ा है। बुच बाजार नियामक के 35 साल के इतिहास में पहली महिला चेयरपर्सन हैं।
SEBI का गठन 12 अप्रैल, 1988 को वित्त मंत्रालय के तहत हुआ था। हालांकि इस निकाय को 1992 में सांविधिक शक्तियां मिलीं। SEBI अर्ध-न्यायिक निकाय के तौर पर काम करता है और माना जाता है कि उसके पास अन्य बाजार नियामकों मसलन सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन (अमेरिका) से भी ज्यादा सांविधिक शक्तियां मिली हुई हैं।
SEBI ने एक विज्ञप्ति में कहा, डेटा व तकनीक की शक्तियों ने नियामक को अपनी प्रभावोत्पादकता कई गुना बढ़ाने में मदद की। अब SEBI ने डेटा व तकनीक को अपनी संस्कृति के आंतरिक हिस्से के तौर पर अपनाया है।
SEBI की निगरानी में भारतीय पूंजी बाजार विभिन्न दशकों में बढ़कर 265 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है और म्युचुअल फंड उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 40 लाख करोड़ रुपये हो गई है।