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SEBI ने इस कंपनी पर लगाया 1 करोड़ का जुर्माना, FPI नियमों का किया उल्लंघन

FMRC को एक साल और छह महीने तक आवश्यक पंजीकरण के बिना एक FPI के रूप में काम करते पाया गया।

Last Updated- July 08, 2023 | 10:12 AM IST
SEBI

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने 7 जुलाई के एक आदेश में एफपीआई (foreign portfolio investment or FPI) नियमों का उल्लंघन करने के लिए फिडेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च कंपनी (FMRC) पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

FMRC को एक साल और छह महीने तक आवश्यक पंजीकरण के बिना एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) के रूप में काम करते पाया गया।

एक अलग आदेश में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सेबी (FPI) रेगुलेशन, 2019 के तहत धाराओं का उल्लंघन करते हुए जेपी मॉर्गन चेस बैंक (JP Morgan Chase Bank) पर 22.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सेबी के नियमों के अनुसार, केवल पंजीकृत फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को ही शेयर बाजार में भाग लेने की अनुमति है। इसके अलावा, नियम में यह भी कहा गया है कि अगर FPI निवेशकों के ओनरशिप या कंट्रोल में किसी तरह का कोई भी बदलाव होता है, तो FPI की योग्यता का एक बार फिर से मूल्याकंन किया जाएगा।

ये भी पढ़ें : SEBI New Rule: सेबी का बड़ा फैसला, 6 नहीं अब 3 दिनों में होगी IPO की लिस्टिंग 

अगस्त 2021 में, डेजिग्नेटेड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DDP) जेपीएमसी ने सेबी को फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स मनी मैनेजमेंट (FIMM) की मटेरियल इन्फॉर्मेशन (Material Information) में बदलाव की सूचना में देरी के बारे में सूचित किया।

FIMM को एक एफपीआई के रूप में पंजीकृत किया गया था और मटेरियल इन्फॉर्मेशन में इसकी सहयोगी फिडेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च कंपनी (एफएमआरसी) के साथ इसका मर्जर शामिल था।

इसके बाद सेबी ने मटेरियल इन्फॉर्मेशन (Material Information) में बदलाव की सूचना में देरी को लेकर जांच शुरू की।

जांच में हुआ खुलासा

सेबी को जांच से पता चला कि FMRC के साथ FIMM के मर्जर से एफआईएमएम बंद हो गया, जो कि एक यूनिट एफपीआई के रूप में पंजीकृत थी।

हालांकि, विलय के बाद, सर्वाइविंग एंटिटी FMRC – जिसने FPI रजिस्ट्रेशन प्राप्त नहीं किया था, FIMM के नाम, खातों और FPI पंजीकरण के तहत सिक्योरिटी मार्केट में काम कर रही थी।

सेबी द्वारा एफएमआरसी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही शुरू करने के बाद, एफएमआरसी को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें एफएमआरसी से पूछा गया था कि उसके खिलाफ जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए और उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।

FMRC ने सेबी को दिया बयान

एफएमआरसी ने सेबी को बताया कि उसका मानना है कि विलय के परिणामस्वरूप केवल नाम परिवर्तन हुआ है, कोई मटेरियल परिवर्तन नहीं हुआ है क्योंकि FIMM के सभी कानूनी दायित्व और अधिकार FMRC ने विलय के बाद ग्रहण कर लिए थे और नियंत्रण में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

उन्होंने आगे कहा कि, जब उन्होंने अपने डीडीपी के साथ अपने मर्जर के दस्तावेज़ साझा किए, तो उनके डीडीपी ने उन्हें स्पष्ट रूप से सूचित नहीं किया कि FIMM का FMRC में मर्जर एक महत्वपूर्ण मटेरियल परिवर्तन है।

ये भी पढ़ें : Sebi ने किया ESG रेटिंग प्रोवाइडर्स को 6 महीने में सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य

First Published - July 8, 2023 | 10:12 AM IST

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