निवेशक हित को सुरक्षित बनाने के प्रयास में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टॉक ब्रोकरों के पास पड़े बगैर दावे वाले कोष और प्रतिभूतियों के निपटान के लिए एक नए फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा है। 31 जनवरी तक ऐसी बगैर दावे वाली रकम 323 करोड़ रुपये और प्रतिभूतियों की वैल्यू 182 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए सेबी ने यह कदम उठाया है।
नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि यदि संबंधित ग्राहक तक पहुंच नहीं हो पाती है या उनके बैंक खाते में धनराशि जमा नहीं हो पाती है, तो ऐसे खातों को ‘इनक्वायरी स्टेटस’ में डाल दिया जाएगा। ब्रोकरों को सभी संभावित माध्यमों के जरिये ऐसे ग्राहकों से संपर्क करना होगा और ऐसे फंड को क्लियरिंग कॉरपोरेशन को भेजना होगा।