भारतीय शेयर एवं प्रतिभूति बोर्ड ने पब्लिक ऑफर्स के लिए पेमेंट के वैकल्पिक तरीकों का एक प्रस्ताव दिया है।
सेबी के बोर्ड ने पिछले हफ्ते इसे मंजूरी दे दी थी। सेबी की योजना एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लाक एमाउंट (एएसबीए ) प्रक्रिया लाने की है जिसके तहत ऐसे खुदरा निवेशक जो कट-ऑफ प्राइस पर बोली लगा रहें हैं, उनके लिए सेल्फ सर्टिफाइड सिंडीकेट बैंकों (एससीएसबी)जिसमें कि उनका खाता है के तहत आवेदन करना होगा।
एएसबीए की प्रक्रिया के तहत एससीएसबी निवेशकों के आवेदन पत्र स्वीकार करेंगी और साथ ही फंड को बोली लगाई गई राशि की सीमा तक रोका जा सकेगा। बाद में सारी सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिकबिडिंग मशीन में अपलोड किया जाएगा।
एकबार इस प्रक्रिया का आधार तैयार हो जाने पर इश्यूअर को उनकी आवश्यकता अनुसार राशि दे दी जाएगी और शेष राशि पर एससीएसबी अपनी रोक हटा देगी। सेबी ने एएसबीए प्रक्रिया पर 6 जून से पहले प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। नई अदायगी व्यवस्था मौजूदा प्रक्रिया के साथ ही काम करेगी।
इस नई प्रणाली का इस्तेमाल ऐसे खुदरा निवेशक ही कर पाएंगे जिनका खाता एससीएसबी में होगा और जो एक ऑप्शन के कट-ऑफ प्राइस पर बोली लगा रहें हैं। ऐसे निवेशक जो इस नई व्यवस्था का इस्तेमाल करने जा रहें हैं वो अपनी बोली को रिवाइज नहीं कर पाएंगे। बैंक की जिम्मेदारी होगी कि वह निवेशकों की शिकायतों का समाधान करे।
किसी इश्यू के असफल होने की स्थिति में बैंक को कुलसचिव से मिले आग्रह पत्र पर रोक तुरंत हटाना होगा। कुलसचिव के लिए बोली से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को सही सलामत रखना जरूरी होगा।
बुक रनिंग प्रबंधकों के लिए एससीएसबी को इश्यू के जारी होने के तारीख की जानकारी लिखित रूप में देना अनिवार्य होगा। कंपनी द्वारा इश्यू को वापस करने की स्थिति में लीड मैनेजरों को एससीएसबी को सूचित करना पड़ेगा और इसके अलावा निवेशकों का ब्यौरा भी उपलब्ध कराना होगा।