भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में मंगलवार को सूचकांक की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक में मजबूती के दम पर इजाफा हुआ। यह बढ़ोतरी तीन महीने की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट के एक दिन बाद देखने को मिली। मंगलवार को सेंसेक्स ने 234 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 78,199 पर कारोबार की समाप्ति की। उधर, निफ्टी 92 अंकों की बढ़त के साथ 23,708 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 441 लाख करोड़ रुपये रहा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.9 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 1.3 फीसदी का इजाफा हुआ और सेंसेक्स की बढ़त में उनका योगदान सबसे ज्यादा था। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत था और 2,603 शेयर चढ़े जबकि 1,378 में गिरावट आई। उधर, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 0.9 फीसदी व 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेसकों की लगातार बिकवाली, भारतीय बैंकों के कमजोर कारोबार की खबर से भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सोमवार को 1.6 फीसदी टूट गया था, जिससे दिसंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे को लेकर चिंता पैदा हुई। साथ ही भारत में एचएमपीवी के मामलों का पता चलने का भी इस पर
असर पड़ा।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, एचएमपीवी को लेकर बड़ी चिंता नहीं होने से वैश्विक संकेतक सकारात्मक रहे, जिससे देसी बाजार सोमवार की बिकवाली से आंशिक तौर पर रिकवर हुए। अल्पावधि में बाजार सतर्क बना रह सकता है और वह नतीजे के आगामी सीजन के दौरान आय में सुधार के संकेत की प्रतीक्षा कर रहा है, साथ ही एफआईआई की बिकवाली से निपट रहा है, जो मजबूत डॉलर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और दरों में कम कटौती की उम्मीद के कारण है।
एफपीआई मंगलवार को भी बिकवाल बने रहे और 1,491.5 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, वहीं देसी संस्थान 1,615 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे। रिलायंस के अलावा लार्सन ऐंड टुब्रो (1.08 फीसदी चढ़ा) और टाटा मोटर्स (2.3 फीसदी) सेंसेक्स की बढ़त में योगदान करने वाले अन्य बड़े शेयर रहे। वैयक्तिक शेयरों में ओएनजीसी 3.6 फीसदी चढ़ा, जब सीएलएसए ने इसकी लक्षित कीमत 360 रुपये कर दी और इसके लिए आय वृद्धि के कई संकेतक, आकर्षक लाभांश यील्ड और नरम मूल्यांकन का हवाला दिया। आने वाले समय में आय सीजन (जो इस हफ्ते शुरू हो रहा है) बाजार को दिशा देंगे।