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सेंसेक्स चढ़ा लेकिन एनएवी गिरता रहा?

Last Updated- December 05, 2022 | 7:08 PM IST

मेरा म्युचुअल फंड निवेश मुख्यत: इक्विटी योजनाओं में है। मैंने गौर किया है कि जब सेंसेक्स ऊपर की ओर चलता है तो अधिकतर कई फंडों के एनएवी (शुध्द परिसंपत्ति मूल्य) में कमी देखी जाती है।


मेरा डर यह है कि क्या फंड प्रबंधकों के शुल्क संभावित प्रतिफलों को चट कर जा रहे हैं? 


जब सेंसेक्स में बढ़त चल रही होती है तो मुझे नहीं लगता कि एनएवी के कम होने की दूसरी वजह होगी। आपकी क्या राय है? क्या मुझे अपनी सिप योजना जारी रखनी चाहिए या इसे बंद कर दूं।    -एचपी गोयल


आप सही कहते हैं। किसी इक्विटी फंड का एनएवी सेंसेक्स में बढ़त के दौरान भी कम हो सकता है। लेकिन आपकी यह धारणा गलत है कि ऐसा उच्च प्रबंधन शुल्क की वजह से होता है।


फंड हाउस द्वारा कई प्रकार के शुल्क लिए जाते हैं। प्रवेश एवं निकासी प्रभार निवेश की अवधि और इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अभिकर्ता के माध्यम से निवेश किया है या नहीं। अन्य शुल्क जिसमें सालाना फंड प्रबंधन शुल्क और बार-बार होने वाले खर्च शामिल हैं, दैनिक एनएवी में से निकाले जाते हैं। इसलिए, अगर आपने छह महीने के लिए निवेश किया है तो आपसे केवल छह महीने का शुल्क ही लिया जाएगा एक साल का नहीं।


भारत का म्युचुअल फंड उद्योग पूर्णत: सुसंगठित, पारदर्शी और नियमित है। म्युचुअल फंडों को इस बात की अनुमति नहीं है कि वे कुछ लाभ रख कर शेष निवेशकों को दे दें (एनएवी बढ़ा कर)। इसलिए, एक बात के लिए निश्चिंत रहिए कि फंड आपसे अधिक पैसे ले रहा है। वे सक्षमतापूर्वक दैनिक प्रदर्शन के आधार पर अपने एनएवी की घोषणा करते हैं।


अब हम इस बात की चर्चा करते हैं कि सेंसेक्स में बढ़त के बावजूद एनएवी में गिरावट क्यों आती है। सेंसेक्स में लार्ज-कैप के 30 शेयर शामिल होते हैं। इसलिए सूचकांक में आई तेजी का यह मतलब नहीं है कि सभी सूचीबध्द शेयरों में तेजी आई है। म्युचुअल फंड का पोर्टफोलियो सेंसेक्स से सर्वथा भिन्न हो सकता है।


कोई भी म्युचुअल फंड विशुध्द रूप से अपने स्टॉक पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के आधार पर उस दिन के एनएवी की घोषणा करेगा। हाल में आई गिरावट में कुछ ऐसे दिन भी थे सेंसेक्स में बढ़त हुई लेकिन स्मॉल और मिड-कैप सूचकांकों में गिरावट आती रही। स्वाभाविक सी बात है कि उस दिन मिड और स्मॉल कैप वाले पोर्टफोलियो वाले एनएवी में गिरावट आई होगी।


सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) को बंद करने की सलाह देना उचित नहीं होगा। इक्विटी ओरियेंटेड फंडों में निवेश करने का शायद इससे अच्छा और कोई तरीका नहीं है। अपने सिप को जारी रखिए और अल्पावधि में बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव से हतोत्साहित न हों।


पिछले वित्त वर्ष (31 मार्च 2008 को समाप्त हुए) में मुझे म्युचुअल फंडों की बिक्री पर अल्पावधि का पूंजीगत घाटा उठाना पड़ा। वर्तमान वर्ष के पूंजीगत लाभ से अल्पावधि के संपूर्ण घाटे का कर-समायोजन करने में मैं सक्षम नहीं हो पाऊंगा क्योंकि अल्पावधि का घाटा लाभों से कहीं अधिक है। क्या आगामी वर्षों में मैं इस घाटे को लेकर चल सकता हूं ताकि पूंजीगत लाभों के मामले में कर-समंजन का फायदा हो?  -ईश्वर


हां। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 74 के अनुसार आप घाटों से कर-समंजन कर सकते हैं और जिस साल में आपको घटाा हुआ है उस वर्ष से लगातार आगामी आठ वर्षों तक इसे आगे ले चल सकते हैं।


इस धारा के अनुसार, अल्पावधि की पूंजीगत परिसंपत्तियों से संबंधित घाटे (जैसे एक वर्ष के भीतर इक्विटी फंडों या शेयरों की बिक्री) से पूंजीगत अभिलाभों से हुई आय का समायोजन किया जा सकता है।


इसका मतलब हुआ कि आप इस घाटे से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभों का भी कर-समंजन कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि आपने किसी ऋण में निवेश किया है। एक साल बाद यूनिटों को बेच कर आप लाभ कमाते हैं (दीर्घावधि का पूंजीगत अभिलाभ)। आप इस लाभ का कर-समंजन अल्पावधि में म्युचुअल फंड से हुए घाटे से कर सकते हैं।


मैं 61 वर्ष का हूं। कुछ महीने में मुंबई में स्थित एक फ्लैट के रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर अच्छी रकम मिलने वाली है। कुछ वर्षों बाद मुझे यह पैसे वापस लौटाने होंगे। निवेश का कौन सा तरीका सबसे अधिक सुरक्षित रहेगा ताकि कर चुकाने के बाद मुझे 15 प्रतिशत का प्रतिफल प्राप्त हो? मैं फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान, रियल एस्टेट, इक्विटी, इक्विटी और ऋण फंड और सावधि जमाओं में से निवेश के लिए किस विकल्प का चयन करूं?  -एम गोपाल राव


कर चुकाने के बाद 15 प्रतिशत का प्रतिफल पाना वह बिना जोखिम उठाए, मुश्किल लगता है। फिर भी हम सबसे अधिक सुरक्षित विकल्पों पर नजर डालते हैं। इनमें ऋण फंड, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी), आर्बिट्रेज फंड और बैंकों की सावधि जमाएं शामिल हैं।


एफएमपी विशुध्द रूप से ऋण फंड हैं जिनके परिपक्वता की अवधि निश्चित होती है। नकदी और डेरिवेटिव बाजार के मूल्य में अंतर से आबिट्रेज फंडों की कमाई होती है।पिछले प्रतिफलों को देखें तो मध्यावधि के ऋण फंडों का औसत प्रतिफल 5.05 प्रतिशत (वर्ष 2006 में) और 7.43 प्रतिशत (वर्ष 2007 में) का रहा है जो आपकी 15 प्रतिशत की चाहत से कुछ ज्यादा ही कम है।


इसके अतिरिक्त ये प्रतिफल गारंटीड नहीं हैं और कर-मुक्त भी नहीं हैं। दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत (इंडेक्सेशन लाभ के साथ) की दर से कर लगाया जाता है। आपको बैंक जमाओं से निश्चित और अपेक्षाकृत अधिक प्रतिफल मिल सकता है लेकिन आयकर के नजरिये से वे इतने सक्षम नहीं होंगे जितने कि ऋण फंड या एफएमपी। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक जमाओं से होने वाले लाभों को आय में जोड़ा जाता है यहां निवेश की अवधि से कोई फर्क नहीं पड़ता है।


आर्बिट्रेज फंड आयकर की दृष्टि से सबसे अधिक सक्षम और सुरक्षित तरीका है। ये फंड किसी अन्य ऋण फंडों जैसा प्रतिफल दे पाते हैं। लेकिन इन पर इक्विटी फंडों की तरह कर लगाया जाता है।


जाहिर है कि अगर आप इन्हें एक साल बाद भुनाते हैं तो आपको कर की अदायगी नहीं करनी होगी। नीचे कुछ अच्छे प्रदर्शन करने वाले आर्बिट्रेज और मध्यावधि के ऋण फंडों का उल्लेख किया गया है। आपके पास निवेश के लिए अच्छी रकम होगी इसलिए अपने पोर्टफोलियो में तीन-चार आर्बिट्रेज और ऋण फंडों को शामिल करें तो बेहतर रहेगा।


अर्बिट्रेज फंडों और मध्यावधि के ऋण फंडों में एसबीआई आर्बिट्रेज ऑपोर्चुनिटीज, कोटक फ्लेक्सी डेट, जे एम इक्विटी ऐंड डेरिवेटिव, एबीएन एमरो फ्लेक्सी डेट, यूटीआई स्प्रेड और आईसीआईसीआई प्रूडेन्शियल लांग टर्म को शामिल किया जा सकता है।


आपके मामले में पूंजी की सुरक्षा अनिवार्य है इसलिए बेहतर होगा कि आप इक्विटी से दूर ही रहें। जहां तक रियल एस्टेट की बात है तो इस परिसंपत्ति में तरलता का अभाव है (शीघ्र ही इसे नकदी में नहीं बदला जा सकता है) और यह वर्ग ब्याज दरों में होने वाले परिवर्तन के प्रति काफी संवेदनशील होता है।


मैंने तीन सान के लिए फ्रैंकलिन इंडिया ब्लूचिप फंड में 10,000 रुपये का निवेश किया है। यह फंड ठीक है या नहीं?  -समर सिंह


फ्रैंकलिन ब्लूचिप तीन सितारों वाला लार्ज-कैप ओरियंटेड फंड है। इस फंड का प्रदर्शन औसत रहा है।  और भी कई बेहतर फंड हैं जिनमें आप निवेश कर सकते हैं जैसे रिलायंस विजन, सुंदरम सेलेक्ट फोकस या एचडीएफसी टॉप 200।

First Published - April 6, 2008 | 11:38 PM IST

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