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Bajaj Auto को निर्यात बढ़ने से मिलेगी मदद, घरेलू हिस्सेदारी गिरने से कंपनी पर बढ़ा दबाव

विश्लेषकों का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई2डब्ल्यू) और निर्यात में वृद्धि का असर शेयर कीमतों पर पहले ही दिख चुका है।

Last Updated- June 01, 2025 | 9:49 PM IST
Bajaj Auto

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की बेहद मूल्यवान दोपहिया कंपनी बजाज ऑटो ने वित्त वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में बाजार के अनुमान के अनुरूप प्रदर्शन किया। लेकिन शुक्रवार को निफ्टी-50 पर इस शेयर का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा और यह 3.1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।तिमाही के दौरान परिचालन मार्जिन स्थिर रहने के बावजूद घरेलू मोटरसाइकिल खंड में कंपनी की घटती हिस्सेदारी को लेकर बाजार आशंकित है। आगे शेयर में तेजी इस बात पर निर्भर करेगी कि केटीएम बाइक कब रफ्तार पकड़ सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई2डब्ल्यू) और निर्यात में वृद्धि का असर शेयर कीमतों पर पहले ही दिख चुका है।

चौथी तिमाही में बिक्री अनुमान से कुछ ही ज्यादा रही और यह सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़ी। बिक्री को प्राप्तियों में 2.5 फीसदी की वृद्धि से मदद मिली। तिमाही आधार पर कंपनी के लिए प्राप्तियां 5 प्रतिशत तक सुधरीं और इन्हें अधिक अनुकूल वाहनों के मेल (निर्यात और ई2डब्ल्यू बिक्री की ऊंची भागीदारी शामिल) से मदद मिली।

सकल मार्जिन अनुकूल मौद्रिक उतार-चढ़ाव और सुधरते वाहन मेल की मदद से सालाना आधार पर 40 आधार अंक बढ़ा। लेकिन परिचालन मार्जिन वृद्धि 10 आधार अंक तक सीमित रही। केटीएम के कमजोर निर्यात और बढ़ती विपणन लागत से ऊंची बिक्री, मूल्य निर्धारण और मिश्रण का लाभ कुछ हद तक प्रभावित हुआ।

कंपनी को घरेलू दोपहिया बाजार 5-6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है और उसे प्रीमियम 125सीसी और ऊपर के सेगमेंट से मदद मिल सकती है। बजाज ऑटो की वृद्धि के मुख्य तत्वों में ई2डब्ल्यू का विस्तार और निर्यात में सुधार खास तौर पर शामिल हैं।

निर्यात में लगातार सुधार आ रहा है। चौथी तिमाही में वैश्विक बिक्री सालाना आधार पर 20 फीसदी तक बढ़ी। मुख्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत मांग, केटीएम निर्यात की फिर से शुरुआत और ब्राजील में क्षमता विस्तार से वित्त वर्ष 2026 की हरेक तिमाही में सालाना आधार पर 15-20 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।

लेकिन बाजार की सबसे बड़ी चिंता बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच 125सीसी और प्रीमियम सेगमेंटों में भागीदारी में आ रही गिरावट है। बजाज ऑटो ने वित्त वर्ष 2025 में इन दोनों श्रेणियों में 200 आधार अंक की बाजार भागीदारी गंवाई। बाजार भागीदारी दुबारा हासिल करने के लिए कंपनी150–200 सीसी रेंज में खास फीचर्स के साथ छह नए पल्सर वेरिएंट सहित उतारने की योजना बना रही है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक अनिकेत म्हात्रे का कहना है, ‘हालांकि निर्यात मं् सुधार और चेतक (ई2डब्ल्यू) और तिपहिया में तेजी सकारात्मक है। लेकिन घरेलू मोटरसाइकल भागीदारी में गिरावट (खासकर 125सीसी सेगमेंट में) चिंताजनक बनी हुई है। कंपनी की सीएनजी बाइक फ्रीडम की रफ्तार अनुमान के मुकाबले धीमी रही है।’ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए ‘तटस्थ’ रेटिंग के साथ 8,688 रुपये का कीमत लक्ष्य दिया है।

सूचीबद्ध पियरर मोबिलिटी एजी की होल्डिंग कंपनी और केटीएम की पैतृक पियरर बजाज एजी के कायाकल्प पर भी नजर रखने की जरूरत होगी। कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषक ऋषि वोरा का कहना है, ‘पियरर मोबिलिटी में नियंत्रण हिस्सेदारी का अधिग्रहण चुनौतियों से जुड़ा हुआ है क्योंकि कंपनी पर वित्तीय दबाव है और बदलते वैश्विक बाजार हालात में एक जूझते ब्रांड को फिर से बहाल करना आसान काम नहीं है।’

ब्रोकरेज के अनुसार यह शेयर वित्त वर्ष 2026 की आय के 25 गुना पर कारोबार कर रहा है, जिससे 15 वर्षों के दौरान दो अंक की मुनाफा वृद्धि का संकेत मिलता है। ऐसे बाजार में राह आसान नहीं है जहां दोपहिया की घरेलू पैठ पहले से ही 58-60 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर है। कोटक ने ‘बेचें’ रेटिंग के साथ इस शेयर के लिए 7,250 रुपये का कीमत लक्ष्य दिया है।

हालांकि बजाज ऑटो ने इलेक्ट्रिक दोपहिया खंड में प्रगति की है, लेकिन उसे चीन से आपूर्ति से जुड़ी (खासकर अर्थ मेटल की किल्लत) समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो एक मुख्य चिंता है। कंपनी को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में उत्पादन लागत भी तिमाही आधार पर करीब 1 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है और इसका आंशिक असर उपभोक्ताओं पर डाला गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी भी मौद्रिक बाधा बन सकती है।

जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विश्लेषकों सक्षम कौशल और साहिल मलिक का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की भागीदारी 20 प्रतिशत के पार पहुंची है और इसे बढ़ते पोर्टफोलियो तथा उत्पादन वृद्धि एवं इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया के लिए मजबूत हो रहे वितरण नेटवर्कों से मदद मिली। हालांकि इस वृद्धि के बावजूद जिंस लागत वृद्धि का प्रभाव ग्राहकों पर डालने की सीमित क्षमता और विपरीत विदेशी मुद्रा रुझानों के साथ अल्पावधि में मार्जिन पर दबाव के आसार हैं। ब्रोकरेज ने शेयर के लिए ‘होल्ड’ रेटिंग के साथ 8,800 रुपये का कीमत लक्ष्य तय किया है।

First Published - June 1, 2025 | 9:49 PM IST

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