बाजार नियामक सेबी क्लियरिंग कॉरपोरेशन की तरफ से ग्राहकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों (securities) के सीधे भुगतान पर विचार कर रहा है। अभी यह प्रक्रिया स्वैच्छिक है।
क्लियरिंग कॉरपोरेशन प्रतिभूतियों का भुगतान ब्रोकर के पूल खाते में क्रेडिट करता है। उसके बाद ब्रोकर वह रकम अपने निवेशकों के डीमैट खातों में क्रेडिट करता है।
सेबी ने गुरुवार को एक प्रस्ताव में कहा कि परिचालन दक्षता और क्लाइंटों की प्रतिभूतियों को लेकर जोखिम कम करने के लिए निवेशकों के खाते में सीधे प्रतिभूतियों की बिक्री की रकम हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पर विचार चल रहा है। बाजार नियामक ने इस पर 30 मई तक टिप्पणियां मांगी हैं।
डीमैट अकाउंट्स की संख्या पहली बार मार्च में 15 करोड़ के आंकड़े के पार चली गई। शेयर व अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए यह खाता आवश्यक है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद मार्च में 31.2 लाख नए डीमैट खाते जुड़े और कुल डीमैट खातों की संख्या 15.14 करोड़ हो गई।
15 करोड़ डीमैट खातों का नया शिखर 10 करोड़ का आंकड़ा हासिल करने के 19 महीने बाद देखने को मिला है, जो संकेत देता है कि और भारतीय परिवार सीधे तौर पर इक्विटी में निवेश कर रहे हैं। अकेले वित्त वर्ष 24 में करीब 3.7 करोड़ नए डीमैट खाते जुड़े हैं, जो किसी एक वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा नए खाते का आंकड़ा है और पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इसमें 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
पिछले 12 महीने में देसी बाजारों ने जिस तरह का उत्साहजनक रिटर्न दिया है, उससे नए निवेशकों का स्थिर आगमन सुनिश्चित हुआ है। वित्त वर्ष 24 के दौरान बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स ने 29 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की, जो कोविड प्रभावित वित्त वर्ष 2021 के बाद का सबसे अच्छा आंकड़ा है।