सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) ने कहा है कि वह 29 दिसंबर को यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी जारी करेगी और अगले दिन से यह प्रभावी हो जाएगा।
यह कदम द्वितीयक बाजार के लिए अस्बा (ऐप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट) के क्रियान्वयन से पहले उठाया जा रहा है। बाजार नियामक की योजना 1 जनवरी से वैकल्पिक आधार पर अस्बा फैसिलिटी शुरू करने की है। यह सुविधा शुरुआत में इक्विटी कैश सेगमेंट में मिलेगी।
इस कदम से ब्रोकरेज की तरफ से क्लाइंटों के फंडों के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। ब्रोकरेज को भेजे संदेश में CDSL ने इस व्यवस्था की खातिर परिचालन वाले तरीके भी जारी किए हैं।
सीडीएसएल के परिपत्र में कहा गया है कि यह सुविधा स्टॉक ब्रोकर व निवेशक दोनों के लिए वैकल्पिक होगी।
निवेशक इसके लिए तभी पंजीकृत हो पाएंगे जब स्टॉक ब्रोकर ने भी यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी का विकल्प चुना होगा। स्टॉक एक्सचेंजों के पास भी यूनिक क्लाइंट कोड डेटाबेस में पंजीकरण को स्टोर करने का प्रावधान होगा, जिसे क्लियरिंग कॉरपोरेशन के साथ साझा किया जाएगा।