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BFSI के बेहतर परफॉर्मेंस के बावजूद धीमी हुई कंपनियों का मुनाफा बढ़ने वृद्धि की रफ्तार

Last Updated- June 02, 2023 | 10:29 PM IST
Early bird hints at a slowdown in corporate earnings कंपनियों की कमाई में सुस्ती आई, वृद्धि की रफ्तार पिछली 14 तिमाहियों में सबसे कम

बैंकों, वित्तीय और बीमा (BFSI) कंपनियों के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में कंपनियों के मुनाफे में काफी कम बढ़ोतरी हुई है। BSE500, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप में शामिल 907 प्रमुख लिस्टेड फर्मों के सामान्य नमूने का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 में महज 4.6 फीसदी बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2022 में 60.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 में 89.7 फीसदी बढ़ा था। नमूने में शामिल कंपनियों का एकीकृत शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 में 9.94 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह 9.5 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 5.93 लाख करोड़ रुपये था।

BFSI के अलावा अन्य कंपनियों की कमाई में ज्यादा गिरावट आई है। हमारे नमूने में शामिल ऐसी 823 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 में पिछले साल की तुलना में 8.9 फीसदी कम होकर 6.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022 में 7.06 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 4.20 लाख करोड़ रुपये रहा था।

मुनाफे में नरमी मुख्य रूप से कंपनियों का मार्जिन सामान्य होने के कारण आई है, जो वित्त वर्ष 2021 और 2022 में अप्रत्याशित रूप से काफी ऊंचा था। वित्त वर्ष 2023 में सभी लिस्टेड कंपनियों का परिचालन मार्जिन या एबिटा घटकर उनकी कुल आय का 23 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2022 में 25.5 फीसदी और 2021 में रिकॉर्ड 26.5 फीसदी था। वित्त वर्ष 2023 में एबिटा मार्जिन कोविड-पूर्व (वित्त वर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2019 के औसत) के मार्जिन 23.5 फीसदी के अनुरूप रहा है।

BFSI के अलावा कंपनियों का एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2023 में उनकी कुल आय का 15.1 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 2021 और 2022 में करीब 18.7 फीसदी था। इसी तरह वित्त वर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2019 के दौरान इनका एबिटा मार्जिन औसतन 15.9 फीसदी रहा था।

मार्जिन में गिरावट ने पिछले दो साल में कंपनियों की आय में हुई वृद्धि को बेअसर कर दिया। हमारे नमूने में शामिल सभी कंपनियों की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 में उससे एक साल पहले की तुलना में 23.3 फीसदी बढ़कर 123.6 लाख करोड़ रुपये रही, वित्त वर्ष 2022 में यह 25.1 फीसदी बढ़ी थी। वित्त वर्ष 2020 और 2021 में कंपनियों की आय लगभग सपाट रही थी।

BFSI से इतर कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 में साल भर पहले से 24.3 फीसदी बढ़ी, जबकि वित्त वर्ष 2022 में इसमें 31.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 में 103.1 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2022 में 83 लाख करोड़ रुपये और 2021 में 63.2 लाख करोड़ रुपये थी।

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लंबे अरसे के आंकड़े देखें तो वित्त वर्ष 2023 में कंपनियों की कमाई में नरमी इसलिए आई क्योंकि कोविड महामारी से मची उथल-पुथल के बाद उद्योग जगत की वृद्धि सामान्य हो रही है। वित्त वर्ष 2021, 22 और 23 में BFSI कंपनियों के मुनाफे में तेज बढ़ोतरी महामारी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के कारण हुई। लेकिन दीर्घाव​धि की वृद्धि के लिहाज से इसमें थोड़ा बदलाव हुआ है, खास तौर पर गैर-बीएफएसआई कंपनियों के मामले में। पिछले 19 साल में गैर-BFSI कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा सालाना 9.6 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2013 से 19 के दौरान इन कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे की सीएजीआर 9.5 फीसदी रही थी।

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इसके उलट सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अगुआई में BFSI कंपनियों की कमाई में महामारी के बाद तेज वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023 में BFSI क्षेत्र की कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 43.5 फीसदी बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे बैंकों, बीमा और वित्तीय कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा कोविड-पूर्व स्तर से करीब 6 गुना बढ़ा है। हमारे नमूने में शामिल BFSI कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2019 में करीब 61,500 करोड़ रुपये रहा था।

वित्त वर्ष 2023 में गैर-BFSI कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 54 फीसदी बढ़कर 6.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2019 में 4.18 लाख करोड़ रुपये था। हमारे नमूने में शामिल सभी कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा 2019 की तुलना में दोगुना होकर 9.94 लाख करोड़ रुपये हो गया।

First Published - June 2, 2023 | 10:29 PM IST

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