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FPI Data: ट्रंप के टैक्स से टूटा निवेशकों का भरोसा, एफपीआई ने चार दिन में 10,000 करोड़ से ज्यादा निकाले

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 21 मार्च से 28 मार्च तक छह कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 30,927 करोड़ रुपये डाले थे।

Last Updated- April 06, 2025 | 12:00 PM IST
FPI
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FPI Data: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के कई देशों पर जवाबी शुल्क लगाए जाने का असर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों पर भी पड़ा है। एफपीआई ने पिछले चार कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार से 10,355 करोड़ रुपये निकाले हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 21 मार्च से 28 मार्च तक छह कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 30,927 करोड़ रुपये डाले थे। इस प्रवाह की वजह से मार्च महीने में उनकी कुल निकासी घटकर 3,973 करोड़ रुपये रही है। इससे पहले फरवरी में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये निकाले थे, जबकि जनवरी में उनकी निकासी 78,027 करोड़ रुपये रही थी। बीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर, एफएस कर, कर और नियामकीय सेवाएं मनोज पुरोहित ने कहा कि आने वाले दिनों में बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिकी शुल्क के दीर्घावधि के प्रभाव और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक पर रहेगी।

बाजार उम्मीद कर रहा है कि केंद्रीय बैंक रीपो दर में कटौती करेगा। उन्होंने कहा कि ये घटनाक्रम आगामी दिनों में निवेश रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने पिछले चार कारोबारी सत्रों (एक अप्रैल से चार अप्रैल तक) तक भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 10,355 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके साथ ही, 2025 में अबतक एफपीआई की कुल निकासी 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिकी शुल्क उम्मीद से कहीं अधिक हैं। अब उनके व्यापक आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों पर जवाबी शुल्क से अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी। इन घटनाक्रमों के प्रभाव से अमेरिकी बाजारों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली है। सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में एसएंडपी 500 और नैस्डैक में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।

विजयकुमार ने कहा, ‘‘पूर्ण व्यापार युद्ध के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार और आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा। हालांकि, डॉलर इंडेक्स के घटकर 102 तक आने को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी प्रवाह के लिए अनुकूल माना जा रहा है।’’

आंकड़ों के अनुसार, शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में बॉन्ड या ऋण बाजार से सामान्य सीमा के तहत 556 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 4,038 करोड़ रुपये निकाले हैं।

First Published - April 6, 2025 | 12:00 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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