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Groww बनी सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म, मगर प्रॉफिट के मामले में Zerodha टॉप पर

सितंबर के अंत में, Groww के पास 6.63 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स थे जो जेरोधा से करीब 150,000 या 2.3 प्रतिशत ज्यादा है।

Last Updated- October 12, 2023 | 10:09 PM IST
Groww topples Zerodha to become largest broker in terms of no. of clients

ब्रोकिंग फर्म नेक्स्टबिलियन टेक्नोलॉजी (Groww) ने एक्टिव ग्राहकों की संख्या के मामले में जेरोधा ब्रोकिंग (Zerodha Broking ) को पीछे छोड़ दिया है और वह भारत की सबसे बड़ी ब्रोकरेज कंपनी बन गई है। इस रैकिंग में नीचे गिरने के बाद जेरोधा का लंबे समय तक टॉप पोजीशन पर बने रहने का दौर खत्म हो गया है। सितंबर के अंत में, ग्रो (Groww) के पास 6.63 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स थे जो जेरोधा से करीब 150,000 या 2.3 प्रतिशत ज्यादा है।

देश के शीर्ष एक्सचेंज NSE द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, एंजेलवन (AngelOne) और RKSV Securities (Upstox) क्रमश: 4.86 मिलियन और 2.19 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स के साथ तीसरे और चौथे स्थान पर थे।

अगस्त के अंत तक, जेरोधा ने 6.32 मिलियन एक्टिव इन्वेस्टर्स का आंकड़ा पार कर लिया था, जबकि ग्रो के साथ 5.99 मिलियन एक्टिव इन्वेस्टर्स थे।

NSE पर एक्टिव क्लाइंट्स के मामले में जेरोधा Groww के मुकाबले काफी पीछे

IPO की रिकॉर्ड संख्या और सेकेंडरी मार्केट में मजबूती के कारण सितंबर में लगातार दूसरे महीने 30 लाख से ज्यादा डीमैट अकाउंट जुड़े। पिछले दो महीनों में करीब 6.2 मिलियन डीमैट अकाउंट जोड़े गए, जिससे कुल संख्या 130 मिलियन हो गई, जो देश की आबादी का लगभग 10 प्रतिशत है।

हालांकि, सितंबर के अंत में, NSE के पास केवल 33.4 मिलियन एक्टिव क्लाइंट थे। वो ऐसे क्लाइंट थे जो 12 महीने की अवधि के दौरान कम से कम एक बार ट्रेड करते थे। कुल एक्टिव NSE क्लाइंट्स में Groww की हिस्सेदारी लगभग 19.9 प्रतिशत है, जबकि ज़रोधा 19.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ काफी पीछे है।

रैंकिंग गिरने के बावजूद सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमा रही जेरोधा

भले ही जेरोधा ने अपनी टॉप रैक गंवा दी हो लेकिन, यह अब तक देश की सबसे ज्यादा प्रॉफिट वाली ब्रोकरेज कंपनी बनी हुई है। वित्त वर्ष 23 (FY23) में, जेरोधा ने 6,875 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 2,907 करोड़ रुपये का नेट मुनाफा कमाया। जेरोधा का मार्जिन (टैक्स से पहले लाभ या PBT/राजस्व), अगर पास-थ्रू एक्सचेंज ट्रॉन्जैक्शन चार्जेस को हटा दिया जाए, तो यह आपको चौंका देगा क्योंकि यह 70 प्रतिशत है।

न्यूज रिपोर्टेस के मुताबिक, नेक्स्टबिलियन टेक्नोलॉजी (Nextbillion Technology) ने वित्त वर्ष 23 में अपने रेवेन्यू को तीन गुना बढ़ाकर 1,294 करोड़ रुपये कर लिया है। इससे कंपनी को वित्त वर्ष 2022 में 239 करोड़ रुपये के घाटे से 73 करोड़ रुपये का नेट मुनाफा कमाने में मदद मिली।

क्या है चार्ज लेने की स्ट्रैटेजी

ज्यादातर ब्रोकरेज नए ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए आक्रामक रणनीतियां अपनाते हैं। 2021-22 में अकाउंट खोलने की तेजी के दौरान, कई ब्रोकरेज ने नए निवेशकों को शामिल करने के लिए 2,000 रुपये (प्रति निवेशक) तक खर्च किए। हालांकि, यह कदम हमेशा रिजल्ट्स नहीं देता है क्योंकि कई ग्राहक सिर्फ एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हैं लेकिन बमुश्किल कोई ट्रेड करते हैं।

कंपनी ने पिछले महीने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था, ‘हम देश में अकाउंट खोलने का चार्ज लेने वाले एकमात्र ब्रोकर बने हुए हैं… शुरुआत में ही अकाउंट खोलने का चार्ज वसूलने से इस बात को समझने में मदद मिलती है कि कौन ट्रेडिंग को लेकर गंभी र है और फिर उस हिसाब से फिल्टर किया जा सकता है।

Groww की वेबसाइट के अनुसार, ब्रोकरेज, ट्रेडिंग और डीमैट खोलने और मंटेनेंस चार्ज जीरो होगा। दूसरी ओर, जेरोधा ऑनलाइन अकाउंट खोलने के लिए 200 रुपये का चार्ज लेता है। यह वैल्यू-एडेड सर्विसेज के लिए भी चार्ज लेता है। दोनों टॉप फर्मों के लिए इंट्रा-डे और F&O ट्रेडिंग का चार्ज काफी हद तक 20 रुपये प्रति एग्जिक्यूटेड ऑर्डर के बराबर है।

First Published - October 12, 2023 | 3:18 PM IST

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