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इस साल मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रहने के आसार: जितेंद्र गोहिल

Last Updated- June 02, 2023 | 7:49 PM IST
‘Explosive, yet enriching CY23 for equity investors’

भारतीय इ​क्विटी बाजारों के लिए इस साल के पांच महीने उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट इंडिया में वै​श्विक निवेश प्रबंधन के निदेशक जितेंद्र गोहिल ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें कैलेंडर वर्ष 2023 में भारतीय बाजारों के लिए ऊंचे एक से लेकर निचले स्तर पर दो अंक की प्रतिफल वृद्धि का अनुमान है। उन्होंने लार्ज-कैप के मुकाबले मिडकैप को ज्यादा प्राथमिकता दी है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

भारतीय इ​क्विटी बाजार समेकन के दौर से कब बाहर निकलेंगे?

कैलेंडर वर्ष 2023 उतार-चढ़ाव भरा रहेगा, लेकिन भारतीय इ​क्विटी निवेशकों को मदद मिलेगी। पहले 6 महीनों में समेकन के बाद दूसरी छमाही में सुधार देखा जा सकता है। हम यह नजरिया बरकरार रखे हुए हैं, लेकिन यह भी मान रहे हैं कि सुधार कुछ हद तक अनुमान से पहले दिखा है।

इ​क्विटी बाजारों का मजबूत तेजी के बाद एक सीमित दायरे में रहना नई बात नहीं है। मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनैशनल (MSCI) इंडिया सूचकांक ने पिछले तीन साल में 21 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के हिसाब से प्रतिफल दिया है, जबकि एमएससीआई ए​​शिया-एक्स जापान सूचकांक के लिए यह प्रतिफल महज 4 प्रतिशत रहा। इसने तीन साल के दौरान द​क्षिण कोरिया, मले​शिया, इंडोने​शिया, सिंगापुर और चीन जैसे अन्य प्रमुख ए​शियाई बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। गिरावट ने भारतीय बाजारों में अच्छा खरीदारी मौका प्रदान किया है।

ऐसे कौन से जो​खिम हैं जिनकी बाजार फिलहाल अनदेखी कर रहा है?

मार्च में अमेरिका में बैंकिंग संकट के बाद संबद्ध अ​धिकारियों द्वारा हस्तक्षेप सुनिश्चित करने से इ​क्विटी बाजारों को ताकत मिली है, क्योंकि इससे मुद्रास्फीति को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आक्रामकता कमजोर पड़ी है।

आपने बाजार में किन क्षेत्रों में निवेश किया है। आप कौन से क्षेत्रों पर ओवरवेट/अंडरवेट हैं?

हमारा मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2023 में भारतीय इ​क्विटी के लिए ऊंचे एक अंक से लेकर निचले दो अंक में प्रतिफल की उम्मीद है और लार्ज-कैप के मुकाबले मिडकैप को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। एफएमसीजी से संबं​धित क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहने की संभावना है, क्योंकि ग्रामीण मांग में सुधार आने से सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। हमें अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले मांग में सुधार की उम्मीद है।

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ऑटोमोटिव, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट चेन आदि समेत कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी कंपनियां अच्छी हालत में दिख रही हैं, क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी चिंताएं घटी हैं और उत्पादन लागत संबं​धित दबाव भी कम हुआ है। इन शेयरों के लिए मूल्यांकन भी उचित है। एनबीएफसी, रियल एस्टेट, और बैं​किंग क्षेत्र मौजूदा समय में हमारे पसंदीदा हैं और इनमें अच्छी आय वृद्धि दर्ज की जा सकती है। वहीं हम आईटी क्षेत्र को लेकर नकारात्मक हैं, हालांकि इन शेयरों में अब गिरावट सीमित रह सकती है।

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जनवरी-मार्च तिमाही के प्रदर्शन पर आपका क्या नजरिया है?

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के नतीजे काफी हद तक अनुमान से बेहतर रहे हैं। नजरिये को लेकर प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। अच्छी बात यह है कि तिमाही आधार पर मार्जिन में सुधार आ रहा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में अब खपत में सुधार दिख रहा है।

First Published - June 2, 2023 | 7:49 PM IST

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