नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) में अपनी शेयरधारिता घटाने के लले बाजार नियामक से छह महीने की मोहलत मांगी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह अनुरोध ऐसे समय में किया गया है जब बाजार नियामक सेबी ने एनएसडीएल के 3,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को अस्थायी तौर पर स्थगित रखा है।
पांच साल पहले सेबी ने किसी इकाई को डिपॉजिटरी में 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रखने का निर्देश दिया था और 2 अक्टूबर 2023 से पहले इसे घटाने को कहा था। अभी एनएसई व आईडीबीआई बैंक के पास एनएसडीएल की क्रमश: 26.1 फीसदी व 24 फीसदी हिस्सेदारी है। प्रस्तावित आईपीओ में आईडीबीआई 11.1 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा है, वहीं एनएसई 9 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा है, ताकि सेबी के नियमों का अनुपालन कर सके।
सूत्र ने कहा, एनएसई नियमों का अनुपालन करना चाहता है और शेयरधारिता घटाने के लिए एनएसडीएल का डीआरएचपी जमा कराया। अब उसने इसमें विस्तार की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, एनएसई ने नियमों का अनुपालन करने के लिए अप्रैल 2024 तक का वक्त मांगा है। एक अन्य सूत्र ने कहा, एनएसई ने अनुरोध किया है। एक्सचेंज नियम अनुपालन पर सेबी के साथ सहयोग कर रहा है।
इस बारे में जानकारी के लिए एनएसई व एनएसडीएल से प्रतिक्रिया नहीं मिली। एनएसडीएल ने सेबी के पास 7 जुलाई को डीआरएचपी जमा कराया था। एनएसई व आईडीबीआई बैंक के अलावा चार अन्य निवेशक भी डिपॉजिटरी की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं।