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एक साल में 2.5 गुना हो गई ज्यादा कीमत वाले शेयरों की संख्या

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषण के अनुसार मार्च 2023 में 50 गुना और 100 गुना पीई वाले शेयरों की संख्या क्रमश: 41 और 3 थी। यह अब बढ़कर 104 और 9 हो गई है।

Last Updated- May 21, 2024 | 9:40 PM IST
breakout stocks

Stock Market: एक साल आगे के 50 गुना या उससे ज्यादा पीई पर कारोबार करने वाले शेयरों की संख्या 2.5 गुना बढ़कर 104 पर पहुंच गई है। इससे बाजार में बढ़ते बुलबुले का संकेत मिलता है।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषण के अनुसार मार्च 2023 में 50 गुना और 100 गुना पीई वाले शेयरों की संख्या क्रमश: 41 और 3 थी। यह अब बढ़कर 104 और 9 हो गई है।

जब बाजार किसी शेयर को उच्च पीई देता है तो कंपनी की आय में उसी अनुपात में वृद्धि की उम्मीद होती है। आय बढ़ने के साथ-साथ पीई भी सामान्य हो जाता है। हालांकि 50 गुना या 100 गुना पीई से यह संकेत भी मिलता है कि बाजार की उम्मीदें वास्तविकता से दूर हैं।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के इक्विटी रणनीतिकारों ने बताया है कि 100 गुना पीई तभी जायज होता है जब किसी कंपनी की आय में 100 साल के लिए 12 फीसदी चक्रवृद्धि के हिसाब से वृद्धि हो या फिर दर ज्यादा हो तो ये साल कम हो जाएंगे।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के रणनीतिकार संजीव प्रसाद ने एक नोट में कहा है कि 100 गुना पीई वाली कंपनी (जो अगले 40 साल तक वृद्धि के चरण में हो सकती है) की आय में अगले 20 साल के दौरान 20 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़ोतरी दर्ज करने की जरूरत होगी और इससे अगले 20 साल में 9 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से।

यह आकलन हमारे सिंप्लिस्टिक डिस्काउंटेड कैश फ्लो मॉडल से किया गया है। अगर उद्योग की वृद्धि का चरण 20 साल कम कर दिया जाए तो वृद्धि की दर और भी ज्यादा होगी। अगर हम बाजार के स्थिर ढांचे व स्थिर लाभ मानकर चलें तो खास क्षेत्रों को पहले परिदृश्य में 200 गुना की जरूरत होगी और दूसरे चरण में 30 गुना की। उभरते हुए चुनिंदा क्षेत्र ही ऐसी छोटी सी जांच में खरे उतर सकते हैं।

ऊंची कीमतों वाले शेयरों में वृद्धि बाजारों में तीव्र उछाल के बीच आती है, खास तौर से स्मॉल व मिडकैप क्षेत्रों में। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में पिछले साल करीब 60 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 70 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है।

बाजार के प्रतिभागियों ने ऊंचे पीई वाली कंपनियों की संख्या में भारी इजाफे के लिए निवेशकों की मौजूदा जमात को जिम्मेदार बताया है, जिन्होंने महामारी के बाद तेजी के बाजार में निवेश किया है।

इक्विनॉमिक्स के सह-संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा कि ऐसे काफी शेयर मिड और स्मॉलकैप क्षेत्रों के हैं और इनकी खरीदारी बाजार में उतरने वाले उन नए निवेशकों ने की है, जिन्होंने सिर्फ तेजी का बाजार देखा है और शेयर बाजार में बड़े नुकसान का अनुभव उन्हें नहीं है। उनमें से कई मूल्यांकन को लेकर चिंतित नहीं होते। इन शेयरों के उच्च मूल्यांकन को सही ठहराने वाला कोई फंडामेंटल नहीं है।

विश्लेषकों ने निवेशकों को उच्च पीई वाले शेयरों में निवेश के समय सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उच्च पीई वाले शेयरों की संख्या नई पीढ़ी की कंपनियों तक ही सीमित नहीं है। मौजूदा तेजी के बाद पारंपरिक क्षेत्र के शेयरों (जहां वृद्धि दर स्थिर है या 10 फीसदी से नीचे है) का पीई भी काफी ज्यादा है।

चोकालिंगम ने कहा, अगर निवेशक इन कंपनियों में पोजीशन ले रहे हों तो कम से कम उन्हें यह देखना चाहिए कि पीई वृद्धि अनुपात (पीईजी) 3 से ज्यादा न हो। ई-कॉमर्स, स्मॉल फाइनैंस, हाउसिंग फाइनैंस और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्र के शेयरों की काफी मांग है और लोग 5 पीईजी अनुपात तक के लिए भुगतान कर रहे हैं, जो खतरनाक है। ऐसे में संपत्ति का नुकसान अवश्यंभावी है।

चोकालिंगम ने कहा कि ऐसे शेयर से निकलना बेहतर है जो पीईजी अनुपात 3 से ऊपर कारोबार कर रहा हो और हमें उसकी आय में उच्च वृद्धि का भरोसा न हो। शेयर की वैल्यू तय करने के दौरान पीईजी अनुपात में फर्म की आय का ध्यान रखा जाता है।

First Published - May 21, 2024 | 9:27 PM IST

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