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PAC के सामने पेश हो सकती हैं SEBI चीफ माधवी बुच, 24 अक्टूबर को होगी बैठक

बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि भाजपा के सदस्य निशिकांत दुबे समिति अध्यक्ष व कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल पर राजनीति से प्रेरित होकर कदम उठाने का आरोप लगा चुके है

Last Updated- October 23, 2024 | 5:17 PM IST
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भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच बृहस्पतिवार को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश हो सकती हैं। इस बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे पहले ही समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल पर राजनीति से प्रेरित होकर कदम उठाने का आरोप लगा चुके हैं।

बैठक के एजेंडे में ‘‘संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा’’ के लिए समिति के निर्णय के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य शामिल हैं।

एजेंडे में कानून द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा को शामिल करने के समिति के फैसले का कोई विरोध नहीं हुआ। हालांकि बुच को बुलाने के वेणुगोपाल के कदम ने सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को परेशान कर दिया, क्योंकि वह अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग’ के आरोपों से खड़े हुए राजनीतिक विवाद के केंद्रबिंदु में रही हैं।

बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी के हितों के टकराव के आरोप लगाए थे जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर और सरकार पर तीखे हमले किए थे। पीएसी के सदस्य निशिकांत दुबे ने गत पांच अक्टूबर को समिति के अध्यक्ष वेणुगोपाल पर केंद्र सरकार को बदनाम करने और देश के वित्तीय ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए निरर्थक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया था।

भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में वेणुगोपाल पर आरोप लगाया था कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए एक ‘टूल किट’ के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं।

वेणुगोपाल ने दुबे के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी। समिति में भाजपा और उसके सहयोगियों के सांसदों का बहुमत है और वे विपक्षी सदस्यों द्वारा उन मुद्दों को उठाने के किसी भी कदम का जोरदार विरोध कर सकते हैं, जिनके बारे में उनका मानना ​​​​है कि वे समिति के दायरे से बाहर हैं।

दुबे ने कहा है कि लोक लेखा समिति का एकमात्र कार्य भारत सरकार के विनियोग खातों और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपटों की जांच करने तक ही सीमित है। पीएसी की बैठक के एजेंडे में संचार मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य भी शामिल हैं।

First Published - October 23, 2024 | 5:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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