बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टॉक एक्सचेंज में शेयरधारिता की सीमा 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जो फिलहाल 5 प्रतिशत है।
हालांकि सेबी ने यह सुविधा शेयर बाजारों, डिपॉजिटरी, बैंकों, क्लियरिंग कॉरपोरेशनों और बीमा कंपनियों जैसे वैयक्तिक निवेशकों तक सीमित रखने को कहा है। इस प्रस्ताव पर सेबी ने 19 सितंबर तक आम जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
सेबी ने ये प्रस्ताव नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और ओवर द काउंटर एक्सचेंज ऑफ इंडिया के मौजूदा शेयरधारकों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद किए हैं, जिन्होंने 5 प्रतिशत की मौजूदा सीमा तक अपनी इक्विटी को कम करने में होने वाली दिक्कतों का जिक्र किया था।
उल्लेखनीय है कि स्टॉक एक्सचेंजों के निगमीकरण के बाद सरकार ने एक्सचेंजों में 49 प्रतिशत तक के निवेश का प्रस्ताव किया था, जिसके तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 प्रतिशत और विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए यह सीमा 23 प्रतिशत थी। हालांकि घरेलू या विदेशी वैयक्तिक इकाई मौजूदा समय में 5 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी नहीं रख सकते।