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सब्सिडी में कटौती से सरकारी तेल कंपनियों के शेयरों में फिसलन

Last Updated- December 06, 2022 | 11:40 PM IST

मंगलवार को लिए गए वित्त मंत्रालय के फैसलों का असर बुधवार को सरकारी तेल कंपनियों के शेयरों पर देखा गया। इन शेयरों में भारी गिरावट रही।


मंत्रालय ने मंगलवार को तेल सब्सिडी बिल में कटौती कर इसे 77,000 करोड़ से घटाकर 70,579 करोड़ करने का ऐलान किया था, इसके अलावा सरकारी मदद की सीमा 50 फीसदी तक सीमित करने के फैसले से भी तेल कंपनियों को गहरा झटका लगा है।


यह सीमा 57 फीसदी रहने की उम्मीद की जा रही थी जैसा कि वादा किया गया था। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक सब्सिडी में करीब 6400 करोड़ की कटौती का भार इन तेल कंपनियों को ही झेलना पडेग़ा।


इस फैसले का नतीजा यह रहा कि ओएनजीसी और गेल जैसी कंपनियों को पहले की ही तरह सब्सिडी बिल का 33 फीसदी भार झेलना होगा। इन कंपनियों को अब 19,000 करोड़ (2006-07) की जगह 25,400 करोड़ का नुकसान झेलना होगा। इन कंपनियों के शेयरों पर भी इसका खासा असर पडा और सेंसेक्स के चढ़ने के बावजूद ओएनजीसी और गेल के शेयर बुधवार को क्रमश: 5.85 और 3.34 फीसदी गिरकर बंद हुए।


तेल की मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को भी इसका बोझ बर्दाश्त करना होगा, आईओसी, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को मिलकर अब 10,880 करोड़(2006-07) की जगह 16,300 करोड़ का बोझ झेलना होगा, यानी करीब 50 फीसदी ज्यादा।


आईओसी के अधिकारी के मुतबिक उन्हे अब ज्यादा नुकसान होगा और इसका सीधा असर चौथी तिमाही के नतीजों पर पड़ेगा। आईओसी का शेयर बुधवार को 5.08 फीसदी गिरे जबकि भारत पेट्रोलियम का शेयर 2.73 फीसदी टूटा और हिंदुसतन पेट्रोलियम के शेयरों में 1.09 फीसदी की गिरावट रही।


वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि वह 2007-08 के लिए इन तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए 35,300 करोड़ के तेल बांड जारी करेगी, इसमें से 20,333 करोड़ के बांड पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

First Published - May 14, 2008 | 11:22 PM IST

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