शेयर बाजारों में सूचीबद्ध छोटी कंपनियां अब अपने शेयर बाजार से हटा सकेंगी। इस बारे में सरकार और पूंजी बाजार नियामक जल्द ही एक व्यवस्था करने जा रहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार छोटी कंपनियों को अपने सूचीबद्ध शेयर या प्रतिभूतियां हटाने के लिए आसान प्रक्रिया जल्द ही लागू की जाएगी। प्रतिभूतियों को डीलिस्ट कराने के बारे में 2005 में लागू प्रतिभूति कानून (संशोधन) अधिनियम में प्रावधान है।
सूत्रों का कहना है कि डीलिस्टिंग ढांचे को वैधानिक सहायता के लिए नियम पहले ही बनाए जा चुके हैं और जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। क्लीयरिंग हाउस के कामकाज को किसी मान्यता प्राप्त क्लीयरिंग कॉरपोरेशन को सौंपने के लिए सेबी भी नियम बना रहा है।
इन क्लीयरिंग कॉरपोरेशनों के पास सौदों के निपटान, डिलिवरी और प्रतिभूतियों के भुगतान का जिम्मा होगा। इस तरह शेयर बाजारों में जल्द और सुरक्षित तरीके से निपटान किया जा सकेगा।
वर्ष 2004 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (रेग्युलेशन) कानून 1956 में संशोधन किया गया था ताकि सेबी की मंजूरी से एक्सचेंज क्लीयरिंग कॉरपोरेशन को क्लीयरिंग और सेटलमेंट के अधिकार मिल सकें।
छोटी और मध्यम दर्जे की कंपनियों को शेयर बाजारों में हिस्सेदारी के लिए बाजार नियामकों ने एक खास तरह के शेयर बाजार बनाने का सुझाव दिया है।
छोटे को आराम
प्रतिभूतियों की डीलिस्टिंग के बारे में प्रतिभूति कानून (संशोधन) अधिनियम में प्रावधान
सेबी छोटी कंपनियों के लिए बना रहा है नए नियम