बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स ने बुधवार को दिन के कारोबार और बंद आधार पर नई ऊंचाई को छू लिया। संस्थागत निवेशकों के लगातार समर्थन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीदों के बीच यह तेजी देखी गई। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी बढ़कर 25,130 पर पहुंच गया लेकिन कुछ बढ़त गंवाते हुए अंत में 35 अंकों के इजाफे के साथ 25,052 पर बंद हुआ।
इंडेक्स लगातार 10वें दिन चढ़कर बंद हुआ जो सितंबर-अक्टूबर 2020 के बाद बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला है। सेंसेक्स 74 अंकों की बढ़त के साथ 81,786 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 85,000 करोड़ रुपये बढ़कर 463 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
देसी निवेशकों के लगातार समर्थन से देसी बाजारों को बढ़त कायम रखने में मदद मिली जबकि वैश्विक अवरोध जारी रहे। इस महीने अब तक देसी संस्थागत निवेशक 48,347 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे हैं। इसकी तुलना में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपनी बिकवाली घटाई है लेकिन वे 3,805 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं।
फेडरल प्रमुख के पिछले हफ्ते के भाषण के बाद वहां ब्याज कटौती की उम्मीद बढ़ी है। इससे बाजारों को भी काफी सहारा मिला है। हालांकि ऊंचे मूल्यांकन ने बढ़त को नियंत्रण में रखा है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मूल्यांकन अल्पावधि में अवरोधक बना हुआ है।
इसकी परख इस हफ्ते आने वाले वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों से होगी। दूसरी ओर, निवेशक रक्षात्मक दांव पर और जोर दे रहे हैं जो आईटी और दवा कंपनियों के शेयरों के उम्दा प्रदर्शन से स्पष्ट है। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिलाजुला रहा और 2,147 शेयर गिरे जबकि 1,815 में इजाफा हुआ। 2.1 फीसदी चढ़ने वाले इन्फोसिस ने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान दिया।