टाटा टी के वित्त्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही के परिणाम कुछ परेशान करने वाले रहे क्योंकि कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में एक फीसदी से भी अधिक की गिरावट आ गई और कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 16.2 फीसदी के स्तर पर आ गया।
हालांकि कि कंपनी के राजस्व में बढ़त दर्ज की गई और इसमें 8.6 फीसदी का सुधार हुआ और यह बढ़कर 4392 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की ऊंची बिक्री की वजह कंपनी के जरिए किए गये कुछ अधिग्रहण रहे जिनमें कंपनी ने अमेरिकी कंपनी ऐट ओ क्लॉक,जोकेल्स और वाईटैक्स का अधिग्रहण किया।
कंपनी का कुल लाभ भी गिरकर 283.5 करोड़ के स्तर पर आ गया। जहां टेटले की बाजार हिस्सेदारी बढ़ती दिखती है क्योंकि इसके प्रमोशन में कंपनी ने भारी पैसा खर्च किया है जबकि ऐट ओ क्लॉक की बाजार हिस्सेदारी में कमी आई है और इसके लाभ के आगे भी दबाव में बने रहने की संभावना है।
कंपनी का लाभ इस साल दबाव में रहने की वजह है कि मार्च 2008 की तिमाही में कंपनी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी मंदी से जूझना पड़ा और कंपनी को ब्रांड प्रमोशन में भारी निवेश भी करना पड़ा। जबकि कंपनी के सालाना परिणामों पर गौर किया जाए तो कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 10 फीसदी की गिरावट आई। कंपनी का घरेलू बाजार में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा।
कंपनी ने अपनी बाजार हिस्सेदारी में भी वृध्दि दर्ज की। हालांकि मार्च की तिमाही में कंपनी ने घरेलू बाजार में महज 9.5 फीसदी ज्यादा बिक्री की। जिसकी वजह रही कि कंपनी को प्लांटेशन कारोबार में नुकसान झेलना पड़ा। ब्रांडेड टी के सेगमेंट में कंपनी की ग्रोथ ज्यादा बेहतर रही और कंपनी ने 17 फीसदी की जोरदार बढ़त दर्ज की। कंपनी के लिए राहत देने वाली बात रही कि नुकसान देने वाले प्लांटेशन कारोबार में कंपनी के कम निवेश की वजह से कंपनी को फायदा हुआ।
कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 3.4 फीसदी सुधरकर 9.4 फीसदी पर आ गया। पिछले कुछ सालों में कंपनी ने अपने उत्पादों के पीछे पूरी ताकत लगाई है। कंपनी ने अपने चाय उत्पादों अग्नि,जेमिनी,चक्रऔर कानन देवन की बिक्री बढ़ाने के लिए उनकी रीपैकेजिंग,रिपोजिशिनिंग और मार्केटिंग के साथ सभी उपाय किए। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर उत्पादों को सफल बनाने के लिए कंपनी ने अपने चाय उत्पादों की नई पैकेजिंग और नऐ दामों पर काम करना शुरु किया है।
ज्यादा किफायती कीमत पर चाय के उत्पाद प्रस्तुत करना स्थानीय उत्पादकों से प्रतियोगिता करने का एक अच्छा तरीका है। कंपनी के ज्यादातर ब्रांड जहां सिर्फ इकाई अंकों में बढ़े जबकि अग्नि ब्रांड की हिस्सेदारी में 46 फीसदी की वृध्दि हुई।
टाटा चाय के पास अब बढ़ती महंगाई से लड़ने के लिए बेहतर समय है क्योंकि कंपनी का इरादा अब ज्यादा लाभ के लिए अपनी कीमत बढाने का है। हालांकि कंपनी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने की जरुरत है। मौजूदा बाजार मूल्य 850 रुपये के स्तर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय के 13 गुना केस्तर पर हो रहा है।
मुंद्रा पोर्ट-व्यस्त समय
मुंद्रा एयरपोर्ट के लिए वित्तीय वर्ष 2008 का समय काफी अच्छा रहा। वित्तीय वर्ष 2008 में कंपनी ने क्रूड ऑयल का ज्यादा परिवहन किया जबकि कंपनी के कार्गो कारोबार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। भारत केछोटे पत्तनों से सबसे बड़े मुद्रा पोर्ट ने 288 लाख टन वॉल्यून का परिवहन किया जो वित्त्तीय वर्ष 2007 के आकडों से 46 फीसदी ज्यादा है।
कंपनी के विशेष आर्थिक क्षेत्र से मिलने वाले 52 करोड़ रुपयों से कंपनी का राजस्व लगभग 41 फीसदी बढ़ गया। कंपनी द्वारा पोर्ट में मौजूद सुविधाओं का बेहतर उपयोग करने से कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 11.7 फीसदी ज्यादा रहा। हालांकि कंपनी का कुल लाभ सिर्फ 12 फीसदी बढ़कर 210 करोड़ रहा क्योंकि कंपनी को 130 रुपये करों के रुप में चुकाने पड़े।
मुद्रा पोर्ट से कच्चे तेल,सूखे माल और कंटेनर कार्गो का कारोबार होता है। पोर्ट की भौगोलिक स्थिति काफी अच्छी है क्योंकि यह पोर्ट पश्चिमी समुद्र तट पर सबसे गहरे समुद्र तट पर स्थित है। जिससे बड़े से बड़े जहाजों को भी यहां पहुचने में आसानी होती है। वित्तीय वर्ष 2012 तक देश के पोर्ट से होने वाले परिवहन के 12,000 टन तक पहुंचने की आशंका है। जबकि वित्तीय वर्ष 2008 तक यह परिवहन 6800 लाख टन रहने की आशा है।
हालांकि देश में पोर्ट की क्षमता पर निगाह डाली जाए तो यह करीब 10000 मिलियन टन के आसपास होगी जिसमें 12 पोर्ट में ही लगभग 7,000 लाख टन का आवागमन होगा। मुंद्रा के लिए बढ़त की संभावना तभी होगी जब उसके पास कच्चे तेल और कोयले के निश्चित सौदे हों। इसके अतिरिक्त कंपनी मुद्रा पोर्ट पर 32,000 एकड़ की भूमि पर सेज का विकास भी कर रही है जिसमें से आधा हिस्सा अभी प्रक्रिया में है।
नवंबर 2007 में मुद्रा पोर्ट ने अपने आईपीओ के जरिये बाजार से 1,771 करोड़ की उगाही की थी। कंपनी ने उस दौरान अपने एक शेयर का दाम 440 रुपये रखा था। विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी 1,100 करोड़ के राजस्व और 500 करोड क़े कुल लाभ के साथ वित्त्तीय वर्ष 2009 को समाप्त करेगी। मौजूदा बाजार मूल्य 767 रुपये के स्तर पर कंपनी के शेयर का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 60 गुना के स्तर पर हो रहा है।