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टाटा पावर -नई ऊर्जा

Last Updated- December 07, 2022 | 8:01 PM IST

आस्ट्रेलियाई कंपनी जियोडायनेमिक्स में 10 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ टाटा एनर्जी जियो थर्मल एनर्जी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश कर रही है।


जियोडायनेमिक्स जियोथर्मल एनर्जी का उत्पादन करती है। इसमें धरती की सतह के 4000 मीटर नीचे की गर्मी का इस्तेमाल किया जाता है। 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिए दिए गए 3.7 करोड़ डॉलर पर जियोडायनेमिक्स की इक्विटी हिस्सेदारी 1,630 करोड़ रुपए है।

यह कदम अच्छा है क्योंकि आस्ट्रेलिया का लक्ष्य अपनी नवीनीकरण ऊर्जा को 2020 तक कुल ऊर्जा खपत के 20 फीसदी स्तर तक पहुंचाना है। पिछले महीनें ही आस्टे्रलियन सरकार ने जियोमेट्रिकल खुदाई केलिए पांच करोड़ डॉलर की सहायता का ऐलान किया। जियोडायनेमिक्स के पास तीन आस्ट्रेलियाई राज्यों में प्रोजेक्ट हैं और टाटा पॉवर की योजना देश में बढ़ती नवीनीकरण ऊर्जा से फायदा उठाना है।

मार्च 2008 के  अंत में टाटा पॉवर के पास 563 करोड़ का कैस और बैंक बैलेंस था। इसके अतिरिक्त कंपनी की जून की तिमाही में शुध्द बिक्री सालाना आधार पर 34 फीसदी बढ़कर 2,026 करोड़ रुपए रही। पॉवर प्लांट से भी रियलाइजेशन बेहतर रहा और यह 33 फीसदी बढ़कर सालाना आधार पर 4.86 रुपए प्रति यूनिट रहा।

हालांकि कंपनी ने वॉल्यूम में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं देखी। इसप्रकार तेल की ऊंची कीमतों के  पॉस आन के बावजूद कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 1.7 फीसदी गिरकर 15 फीसदी के स्तर पर रहा। इंडोनेशिया में टाटा पॉवर की 30 फीसदी हिस्सेदारी वाली बूमि कोयले की खानों नें भी बेहतर प्रदर्शन किया और कंपनी ने वहां से 83 करोड़ अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया जो सालाना आधार पर 44.4 फीसदी ज्यादा है।

कंपनी का रियलाइजेशन ज्यादा रहा यद्यपि बिके हुए कोयले का वॉल्यूम 6.5 फीसदी कम रहा क्योंकि कंपनी के पास उचित स्टॉक नहीं है। बूमि को आशा है कि कुछ ब्लॉक में चल रही खुदाई की वजह से उसकी खानों का रिजर्व बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त केपीसी में उसकी खदान का 45 फीसदी हिस्सा ही एक्सप्लोर किया जा सका है।

टाटा पॉवर को वित्त्तीय वर्ष 2009 में 1,500 करोड़ का संचित शुध्द लाभ प्राप्त होंने की संभावना है जबकि 7,600 करोड क़ा शुध्द राजस्व अर्जित कर सकेगी। कंपनी के शेयरों के मूल्यों में साल की शुरुआत से अब तक 30 फीसदी की गिरावट आई है जबकि शेयर बाजार में 26 फीसदी की गिरावट आई।

स्पाइस जेट-तेल की सच्चाई

गिरती तेल की कीमतों की वजह से लो-कॉस्ट कैरियर स्पाइस जेट की शेयर की कीमतों में पिछले हफ्ते के दौरान 14 फीसदी का सुधार देखा गया। जबकि गुरुवार को कंपनी के शेयर के मूल्य में चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

स्पाइस जेट को जून 2008 की खत्म होने वाली तिमाही में 102 करोड़ का शुध्द नुकसान हुआ था जिसकी वजह ऊंची एविएशन टरबाइन फ्यूल की कीमतें रहीं जिसमें सालाना आधार पर 132 फीसदी सुधार देखा गया। इस एयरलाइन कंपनी ने अपने तिमाही परिणामों को टाल दिया है क्योंकि वह डब्ल्यू एल रॉस के कंपनी में निवेश के लिए बातचीत कर रही थी।

स्पाइस जेट ने तिमाही के दौरान बेहतर रियलाइजेशन बरकरार रखा और यह 37 फीसदी ज्यादा रहा और उड़ानों की संख्या में हुई 39 फीसदी बढ़ोतरी से भी कंपनी को 457 करोड़ का राजस्व अर्जित करने में मदद मिली जो कि सालाना  आधार पर 72 फीसदी ज्यादा है। लेकिन एयरलाइन को इस तिमाही में परिचालन हानि हुई जिसमें 395 करोड़ का रेंटल 255 करोड़ के लाभ के साथ शामिल है।

एविएशन टरबाइन फ्यूल की कम कीमतों से एयरलाइन्स को लागत कम करने में मदद मिलेगी, इसमें दो राय नहीं है। यह रुझान त्योहारों का माहौल प्रारंभ होने तक बरकरार रह सकता है यद्यपि ऊंचे किराए का मतलब है कि ट्रैफिक में गिरावट। एयरलाइन्स ने घाटे से बचने के लिए किरायों को बढ़ाने का निर्णय लिया है और पिछली तिमाही के दौरान किराए में औसतन 10 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ।

जिससे आक्यूपेंसी स्तर भी घटा। जून की तिमाही में स्पाइस जेट के लोड फैक्टर में सात फीसदी की कमी देखी गई। विल्बर रॉश द्वारा कंपनी में किए जा रहे एक करोड़ डॉलर के निवेश से नगद विहीन स्पाइस जेट को मदद मिलेगी। गौरतलब है इसी के चलते कि कंपनी ने तीन बोइंग की डिलवरी को भी रद्द कर दिया था। 

स्पाइस जेट ने बाजार में अंडरपरफार्म किया है और साल की शुरुआत से कंपनी के शेयर के मूल्यों में 65 फीसदी की गिरावट आई है जबकि सेंसेक्स में इस दौरान 26 फीसदी की गिरावट आई। एयरलाइन्स तेल की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रही हैं ताकि वे किरायों में कटौती कर सकें। जब तक यह नहीं होता है यात्रियों की संख्या पर दबाव रहने की संभावना है जिससे कंपनियों की बॉटम लाइन पर भी असर पड़ेगा।

First Published - September 5, 2008 | 10:34 PM IST

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