वैश्विक मंदी की आशंका से दुनिया भर के लोगों की नौकरियों पर संकट नजर आ रहा है। ऐसा दावा किया है केपीएमजी 2022 सीईओ आउटलुक (KPMG 2022 CEO Outlook) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में। रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर के करीब 46 प्रतिशत सीईओ (CEO) अपनी कंपनियों में अगले 6 महीनों में कर्मचारियों की छटनी करने की प्लानिंग कर रहे हैं। ये
छटनी भी बड़े पैमान पर होनी है।
वहीं दुनिया भर के 39 प्रतिशत सीईओ ने मंदी की आशंका के चलते पहले से ही नए लोगों को नौकरी पर रखने से रोक लगा दी है. यानी कि हायरिंग बंद कर रखी है।
केपीएमजी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में दुनिया भर के अलग-अलग देशों की बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत की है। इस बातचीत में केपीएमजी ने दुनिया भर के कई सीईओ से मंदी की आशंका और उसके निपटने की उनकी रणनीति को लेकर सवाल पूछे है।
केपीएमजी ने भारत, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, स्पेन, अमेरिका और ब्रिटेन समेत करीब 11 देशों में किए अपने सर्वे में बैंकिंग, कंज्यूमर, मोटर्स मार्केट, टेलीकॉम समेत अलग-अलग सेक्टर्स की 1300 कंपनियों को शामिल किया।
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “इंटरनेशनल मार्केट में मंदी की आशंका की वजह से उथल-पुथल हो सकती है। मार्केट की इसी उतार-चढाव को देखते हुए 39 प्रतिशत सीईओ ने पहले ही कंपनी में नई हायरिंग को फ्रीज कर दिया है, जबकि 46 फीसदी आने वाले 6 महीनों में कंपनी में छटनी करने की तैयारी में हैं।”
रिपोर्ट बताया गया है कि दुनिया भर की 58% कंपनियों को उम्मीद है कि मंदी बहुत बड़े पैमाने पर नहीं रहेगीतो वहीं, एक 80 फीसदी कंपनियों का मानना है कि ये हल्की मंदी एक साल तक बरकरार रह सकती है। हालांकि, मंदी की आशंका के बीच तीन-चौथाई कंपनियां पहले ही एहतियाती कदम उठा चुकी हैं।