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ये 2 Metals & Mining Stocks कराएंगे कमाई! इन 3 से निकल लें वरना हो सकता है नुकसान: ब्रोकरेज रिपोर्ट

कमजोर मांग, मानसून और स्टॉक के चलते भारत में और गिर सकते हैं दाम, SAIL-TATA जैसे स्टॉक्स पर SELL की सलाह

Last Updated- June 25, 2025 | 11:32 AM IST
Metals & Mining Stocks

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, स्टील की कीमतों में मई 2025 के मुकाबले अब तक 4% की गिरावट आ चुकी है। हालांकि घरेलू स्तर पर यह अब भी इम्पोर्ट कीमतों से 3–4% ऊपर है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए आने वाले महीनों में कीमतों पर और दबाव बन सकता है। कमजोर वैश्विक मांग, मौसम से जुड़ी चुनौतियां और कच्चे माल की घटती कीमतें इस गिरावट के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।

दुनिया भर में स्टील की कीमतें लगातार नीचे जा रही हैं। चीन, अमेरिका, यूरोप और भारत जैसे बड़े बाज़ारों में मई के मध्य से जून 2025 तक गिरावट दर्ज हुई है। चीन में स्टील के निर्यात में इस साल अब तक 10% से ज्यादा की बढ़त दिख रही है, जो इस बात का संकेत है कि घरेलू डिमांड कमजोर बनी हुई है। जब स्टील कंपनियों को मांग नहीं मिल रही, तो वे कच्चे माल की खरीद भी कम कर रही हैं। इसका असर पूरी सप्लाई चेन पर दिखने लगा है।

भारत में दाम अब भी ऊंचे, लेकिन टिक नहीं पाएंगे

रिपोर्ट बताती है कि भारत में हॉट रोल्ड कॉइल (HRC) की कीमतें मार्च 2025 के मुकाबले 2.3% नीचे हैं। फिर भी वे अब तक इम्पोर्ट से ऊपर बनी हुई हैं। हालांकि इस स्थिति का बने रहना मुश्किल है, क्योंकि कई बाहरी और घरेलू कारणों से कीमतों पर दबाव बढ़ता दिख रहा है। एक ओर तो मानसून समय से पहले आ गया, जिससे निर्माण गतिविधियां धीमी हो गईं, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर में स्टील की कीमतें गिर रही हैं, जिससे भारत के निर्यात और घरेलू बिक्री—दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

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स्टील का स्टॉक बहुत ज्यादा, निर्यात भी कमजोर

मई 2025 तक देश में स्टील का इन्वेंट्री स्तर 1.4 करोड़ टन के करीब पहुंच चुका था। इतनी भारी स्टॉकिंग के चलते कंपनियां जल्दबाज़ी में दाम घटाने को मजबूर हो सकती हैं। साथ ही चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में स्टील का निर्यात 18% घटा है, जो ये दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी मांग सुस्त है। ऐसे माहौल में घरेलू कंपनियों पर कीमतें बनाए रखना आसान नहीं होगा।

कोकिंग कोल और आयरन ओर की कीमतों में भी गिरावट

कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे माल की कीमतों में भी तेज गिरावट आई है। कोकिंग कोल $176 प्रति टन पर आ गया है, जो पिछली तिमाही से 5% कम है। समुद्री मार्ग से आने वाला आयरन ओर भी अब 8–9% तक सस्ता हो चुका है और आने वाले समय में यह $90–95 प्रति टन के दायरे में रह सकता है। चीन में डिमांड कमजोर होने और ऑस्ट्रेलिया-ब्राजील से सप्लाई बढ़ने के कारण इन कीमतों पर और गिरावट की संभावना है।

NMDC पर भी दबाव, प्राइसिंग घट सकती है

NMDC द्वारा बेचा जाने वाला आयरन ओर अभी इम्पोर्ट परिटी से सिर्फ 10% सस्ता है, जबकि ऐतिहासिक रूप से यह 20% तक सस्ता रहता है। इसका मतलब है कि NMDC के दाम पहले से ही कम आकर्षक हैं। कोटक का मानना है कि छत्तीसगढ़ के इलाकों में नई सप्लाई आने वाली है, जिससे NMDC की प्राइसिंग पर और दबाव पड़ेगा और आने वाले महीनों में इनके रेट्स और गिर सकते हैं।

JSPL और JSTL को मिल सकता है फायदा

रिपोर्ट में कहा गया है कि जून तिमाही यानी 1QFY26 में कुछ कंपनियों के मार्जिन में सुधार देखने को मिल सकता है। इसकी वजह SGD (स्ट्रक्चरल गाइडलाइन ड्यूटी) के चलते अप्रैल 2025 में हुई कीमतों में बढ़त और कच्चे माल की लागत में कमी है। ऐसे में जिन कंपनियों के पास खुद का आयरन ओर या कोल नहीं है, जैसे JSPL और JSTL उन्हें इस वातावरण में ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योंकि वे सस्ता कच्चा माल खरीद सकेंगी और बेहतर मार्जिन निकाल पाएंगी।

TATA, SAIL और NMDC जैसे स्टॉक्स से दूरी की सलाह

कोटक ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि फिलहाल निवेशकों को SAIL, TATA Steel और NMDC जैसे स्टॉक्स से बचना चाहिए और इन पर ‘SELL’ की रेटिंग दी गई है। ये सभी integrated स्टील निर्माता हैं, यानी इनके पास खुद की खदानें और कच्चा माल होता है, लेकिन जब कोल और आयरन ओर की कीमतें बाजार में गिर रही हों, तो ऐसी कंपनियों की लागत में लचीलापन कम होता है और वे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकती हैं।

डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

First Published - June 25, 2025 | 11:31 AM IST

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