दुनियाभर के बाजारों में पिछले दो हफ्ते से कमोडिटी की कीमतें घटने के साथ ही कारोबारियों और मार्केट ऑपरेटरों का रुझान फिर से घरेलू इक्विटी बाजार की ओर बढ़ गया है।
केआर चोकसी शेयर एवं प्रतिभूति के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने बताया कि शेयर बाजार को लेकर रुख सकारात्मक है और कुछ समय और इसके बने रहने की उम्मीद है। हाल यह है कि पिछले हफ्ते तक जो लोग शेयर बाजार में और मंदी आने की बातें कर रहे थे वह भी अब शेयरों का रुख कर रहे हैं।
केआर चोकसी फर्म अपने ग्राहकों के करीब 2,000 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती है। भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख शेयर सूचकांकों में बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का संवेदी सूचकांक बुधवार को कुल 113 अंकों की तेजी लेकर 15,074 अंकों पर बंद हुआ जबकि नेशनल शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 15 अंक ऊपर रहकर 4518 अंकों पर बंद हुआ।
दरअसल इस साल शेयर बाजार के 6000 अंकों से ज्यादा गिरने के बाद कई अधिक नेट वर्थ वाले व्यक्तियों और शेयर दलालों ने तेजी से बढ़ती महंगाई को देखते हुए हेजिंग के लिहाज से सोने और कच्चे तेल में भारी निवेश कर रखा था। पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां कच्चे तेल की कीमतें 148 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचीं और सोने का भाव 950 डॉलर को पार कर गया। लेकिन उसके बाद से इन कमोडिटी की हालत खराब होने लगी और कीमतें गिरने लगीं।
कच्चा तेल 117 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया और सोने के भावों में भी खासी गिरावट आ गई। सोने का दिसंबर वायदा का भाव मंगलवार को 13.90 डॉलर या 1.5 फीसदी गिरकर प्रति आउंस 893.60 डॉलर हो गया था। चोकसी के मुताबिक ग्लोबल हेज फंडों की सट्टेबाजी की वजह से ही कच्चे तेल और सोने की कीमतों में इतनी तेजी आई है। लेकिन अब दुनिया भर में इनकी मांग घटने के साथ ही इनके भावों में करेक्शन देखा जा रहा है।
लिहाजा, कई बड़े ऑपरेटर अब अपना कुछ पैसा शेयर बाजार में लगा रहे हैं क्योंकि बाजार की गिरावट के साथ शेयरों की कीमतें भी काफी गिर चुकी हैं। एक बड़े ब्रोकिंग हाउस के मुख्य कार्यकारी का कहना है कि शेयर बाजार में सुधार तभी आ सकता है जब विदेशी फंड का फ्लो बढ़े और कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ठहर जाए।