आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल में बाजार में आई गिरावट की वजह से ‘निवेश योग्य वैल्यू’ शेयरों की संख्या बढ़ गई लेकिन अभी भी अच्छे सौदे मिलना मुश्किल है। बॉन्ड यील्ड के मुकाबले अनुकूल रिटर्न देने वाले वैल्यू शेयरों का प्रतिशत शीर्ष 1,000 कंपनियों में मामूली बढ़कर 16 हो गया है। यह आंकड़ा हाल के ताजा निचले स्तर से अधिक है। लेकिन 24 प्रतिशत के दीर्घावधि औसत से नीचे बना हुआ है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज किसी शेयर को ‘निवेश लायक’ तब घोषित करती है, जब उसकी आय बॉन्ड प्रतिफल से अधिक हो और उससे इक्विटी पर कम से कम 14 प्रतिशत का रिटर्न (आरओई) मिल सकता हो।
रिपोर्ट में बॉन्ड की तुलना में इक्विटी निवेश के लिए बेहतर परिदृश्य पर प्रकाश डाला गया है। आय प्रतिफल और औसत बॉन्ड प्रतिफल के बीच अंतर के रूप में मापा जाने वाला जोखिम प्रीमियम जुलाई 2024 में 130 आधार अंक की गिरावट से घटकर सिर्फ 25 आधार अंक रह गया है। निफ्टी 50 सूचकांक का फॉर्वर्ड अर्निंग यील्ड 5.24 प्रतिशत पर है जबकि भारत में औसत बॉन्ड प्रतिफल 5.48 प्रतिशत है जिससे शेयर धीरे-धीरे वैल्यू जोन के करीब पहुंच रहे हैं।
ऐतिहासिक रूप से कोविड के बाद के दौर ने वैल्यू निवेश की दो संक्षिप्त अवधि प्रदान कीं- 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष और आक्रामक दर वृद्धि के दौरान और 2023 में विकसित बाजारों के बैंकिंग संकट के बीच। भविष्य की ओर देखें तो बॉन्ड पर मिलने वाली आय में गिरावट या कॉरपोरेट आय में मजबूती से शेयरों के पक्ष में रुझान बढ़ सकता है।
क्षेत्रवार, वित्त और कमोडिटीज का निवेश योग्य वैल्यू शेयरों के वर्ग में दबदबा बना रहेगा। इस बीच स्मॉलकैप शेयर पिछले दो साल के दौरान अपने मजबूत प्रदर्शन के बावजूद अब लार्जकैप के मुकाबले रिस्क डिस्काउंट पर कारोबार कर रहे हैं जो उनके पारंपरिक प्रीमियम से उलट है। रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि उनका कम वित्तीय जोखिम (स्वस्थ बैलेंस शीट) मामूली प्रीमियम को उचित ठहराता है, न कि डिस्काउंट को।
रिपोर्ट में पहचाने गए कुछ वैल्यू स्टॉक में लार्जकैप वाले कोल इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, श्रीराम फाइनैंस और एनटीपीसी हैं।