ब्रोकरेज फर्म Emkay ने वेदांता के शेयर पर रिपोर्ट जारी की है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान जिंक (HZ) वेदांता के मुनाफे में करीब 40% का हिस्सा देता है। Emkay की टीम ने हाल ही में HZ की राजस्थान की एक बड़ी खदान (रामपुरा-आगुचा) का दौरा किया और कंपनी के अधिकारियों से बातचीत भी की।
कंपनी अब अपने जिंक उत्पादन को दोगुना करने की तैयारी में है। यानी अब जो उत्पादन 1.1 मिलियन टन सालाना है, वह 2030 तक 2 मिलियन टन किया जाएगा।
Emkay का कहना है कि कंपनी को लगातार अच्छा मुनाफा हो रहा है और आगे भी यह जारी रहेगा। अगले कुछ सालों में यानी 2026–2027 तक, कंपनी हर साल करीब ₹17,000 करोड़ का EBITDA और ₹10,000 करोड़ का फ्री कैश फ्लो कमा सकती है। अगर कंपनी अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करती है, तो ये मुनाफा बढ़कर ₹20,000 करोड़ तक जा सकता है। इससे शेयरधारकों को हर साल 4-5% तक डिविडेंड मिलता रहेगा।
HZ ने अपने डेबारी प्लांट में नई यूनिट लगाने का ऐलान किया है, जिसमें 250 किलो टन की नई क्षमता जुड़ेगी। इसके लिए कंपनी ₹12,000 करोड़ का निवेश कर रही है और यह प्रोजेक्ट अगले 3 सालों में पूरा किया जाएगा।
इस पैसे में से:
₹6,200 करोड़ स्मेल्टर के लिए,
₹1,000-1,200 करोड़ फ्यूमर प्लांट के लिए,
बाकी रकम खदानों के विस्तार में लगेगी।
कंपनी की लागत भी कम, कमाई ज्यादा
दुनिया के मुकाबले हिंदुस्तान जिंक की उत्पादन लागत काफी कम है। एक टन जिंक बनाने में उसे करीब $1,050 का खर्च आता है, जबकि ग्लोबल औसत $1,500–$2,000 होता है। यही वजह है कि कंपनी को मुनाफा भी ज्यादा होता है। Z का वैल्यूएशन भी ठीक माना जा रहा है। FY27 के अनुमानित मुनाफे के मुकाबले इसका शेयर 9 गुना EBITDA पर ट्रेड कर रहा है।
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कंपनी को पूरा भरोसा है कि जो खदानें साल 2030 में दोबारा नीलामी के लिए जाएंगी, उन पर उसे फिर से काम करने का मौका मिलेगा। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि इन खदानों को विकसित करना और वहां स्मेल्टर लगाना आसान नहीं होता, यानी इसमें भारी पूंजी और तकनीकी तैयारी लगती है। कंपनी का मानना है कि उसके पास पहले से जो अनुभव और सेटअप है, उसके कारण वह इन खदानों पर दोबारा अधिकार हासिल कर सकती है, हालांकि इसमें रॉयल्टी खर्च थोड़ा बढ़ सकता है।
इसके साथ ही हिंदुस्तान जिंक अब सल्फ्यूरिक एसिड के बाय-प्रोडक्ट का बेहतर उपयोग करने के लिए एक बड़ी खाद फैक्ट्री भी बना रही है, जिसकी उत्पादन क्षमता 10 लाख टन सालाना होगी। यह पहल कंपनी को फॉरवर्ड इंटिग्रेशन की दिशा में आगे बढ़ने का मौका देगी।
साथ ही, कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी पर भी जोर दे रही है। फिलहाल जहां इसकी बिजली जरूरतों का सिर्फ 7% हिस्सा हरित ऊर्जा से पूरा हो रहा है, वहीं अगले साल यानी FY26 तक इसे बढ़ाकर 27% तक ले जाने की योजना है। इससे बिजली की लागत में भी बचत होगी। कंपनी को हर यूनिट में लगभग ₹0.50 की सीधी बचत होगी, जो मुनाफे को और मजबूत बनाएगी।
Emkay का मानना है कि हिंदुस्तान जिंक की मजबूत स्थिति और भविष्य की योजनाएं वेदांता को आगे ले जाएंगी। इसलिए उन्होंने वेदांता के शेयर पर BUY रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस ₹525 रखा है, जो कि अभी के प्राइस ₹466 से करीब 13% ऊपर है
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।