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WazirX fallout: 23 करोड़ डॉलर की चोरी के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों में बीमा की मांग बढ़ी

हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि क्रिप्टो परिसंप​त्तियां सुर​क्षित बनाने के लिए पारंपरिक बीमा पेश करना उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।

Last Updated- August 04, 2024 | 9:52 PM IST
Year Ender: Crypto journey in the year 2024, popularity of Bitcoin and Altcoin among Indians साल 2024 में क्रिप्टो का सफर, भारतीयों में रही बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन की लोकप्रियता

WazirX fallout: क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म वजीरएक्स में सुरक्षा सेंध की वजह से हुई 23 करोड़ डॉलर से अ​धिक की चोरी ने इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों को ऐसे उपाय और प्रोग्राम पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है जो ग्राहकों के वॉलेट और पैसे को सुर​क्षित बना सकें। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि इन उपायों में साइबर हमलों और धन की चोरी से प्रभावित ग्राहकों के खातों का निपटान करने के लिए कंपनसेटरी फंड की व्यवस्था शामिल हो सकती है।

हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि क्रिप्टो परिसंप​त्तियां सुर​क्षित बनाने के लिए पारंपरिक बीमा पेश करना उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।

वजीरएक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्या​धिकारी निश्चल शेट्टी ने पिछले सप्ताह बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मैं नहीं मानता कि ऐसा कोई एक्सचेंज है जो यह दावा करे कि पैसा 100 प्रतिशत बीमित है। हमने पहले भी बीमा व्यवस्था पाने की को​शिश की थी, लेकिन हमें ऐसा कोई बीमा सेवा प्रदाता नहीं मिला जो इन परिसंप​त्तियों को बीमा सुरक्षा मुहैया कराने को इच्छुक हो। यह आसान प्रक्रिया नहीं है।’

अन्य घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइन​स्विच का दावा है कि चोरी को रोकने के लिए उसके कस्टोडियल वॉलेट्स का बीमा किया गया है।

कॉइन​स्विच में बिजनेस हेड बालाजी श्रीहरि ने कहा, ‘हम उपयोगकर्ताओं की क्रिप्टो संपत्तियों को उद्योग-अग्रणी कस्टोडियल वॉलेट में रखते हैं। इन वॉलेट अनधिकृत पहुंच या चोरी को रोकने के लिए उन्नत सुरक्षा उपायों के साथ तैयार किया गया है। हमारे कस्टोडियल वॉलेट प्रतिष्ठित प्रदाताओं द्वारा बीमाकृत हैं, जो अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।’

अनिवार्य बीमा के प्रावधान वाले कानून की कमी से उद्योग की परेशानी बढ़ गई है।

कॉइनक्यू कंस​ल्टिंग में लीगल पार्टनर एवं प्रवादति लीगल में संस्थापक नवोदय सिंह राजपुरोहित ने कहा, ‘नियामकीय अनिश्चितता और एक्सचेंजों को अपने संरक्षण में मौजूद संपत्तियों का बीमा करने के लिए आवश्यक नियमों के अभाव की कमी की वजह से भारत के वर्चुअल डिजिटल ऐसेट्स (वीडीए) बीमा क्षेत्र में वृद्धि प्रभावित हुई है।’

राजपुरोहित का कहना है कि क्रिप्टो क्षेत्र अभी भी शुरुआती अवस्था में है जिससे वीडीए के ​लिए स्पष्ट वर्गीकरण के अभाव ने क्रिप्टो एक्सचेंजों से जुड़ने का उत्साह दिखा रही बीमा कंपनियों के लिए चुनौती पेश कर दी है।

उन्होंने कहा, ‘बिटकॉइन, सिक्योरिटी टोकन और स्टेबलकॉइन जैसी डिजिटल परिसंपत्तियों के वर्गीकरण संबं​धित अस्पष्टता ने जोखिम मूल्यांकन को जटिल बना दिया है। स्पष्ट ​दिशा-निर्देशों के बगैर, बीमा कंपनियां इन जो​खिमों का मूल्यांकन करने में अनि​श्चित हैं। यह उन कुछ भारतीय एक्सचेंजों के विपरीत है, जिनके पास डिजिटल परिसंपत्ति बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियां है।’

शेट्टी का कहना है, ‘बीमा कंपनियों को यह समझने की भी जरूरत होगी कि उद्योग के लिए अच्छी कार्य प्रणाली क्या है। वे तिमाही आधार पर विकसित हो रही हैं। उद्योग नया है, और ऐसी घटनाएं हर तीन से छह महीने में होती रहती हैं, जिससे प्रदाताओं के लिए बीमा करना मुश्किल हो जाता है।’

क्रिप्टो एक्सचेंजों पर साइबर हमले या क्रिप्टो चोरी वै​श्विक रूप से बेहद सामान्य बात हो गई है। 2022 क्रिप्टो हैकिंग के लिए सबसे बड़ा वर्ष रहा था, जब एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टो करेंसी व्यवसाय से 3.8 अरब डॉलर की चोरी हुई।

First Published - August 4, 2024 | 9:52 PM IST

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