स्टेट बैंक ऑफ पटियाल एकमात्र ऐसा बैंक है जिसका मुख्य कार्यालय पंजाब में हैं।
वित्तीय क्षेत्र इस समय मंदी की तपिश से पिघलता जा रहा है, लेकिन इस बैंक ने मंदी की लपटों से बचने के लिए नई रणनाीति तैयार की है। बैंक के प्रबंध निदेशक ए सी वर्मा ने कोमल अमित गेरा के साथ बातचीत में कहा कि वित्तीय ज्वार भाटे में भी उन्हें संभावनाएं नजर आ रही हैं।
उनके मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में हुए घाटे की भरपाई कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों को कर्ज देकर की जा सकती है। बाजार में अनिश्चितता के बावजूद वह विस्तार और कर्मचािरयों की नियुक्ति जारी रखने के लिए पूरी तरह तैयार दिखे। पेश हैं मुख्य अंश:
मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने के लिए आपका बैंक कितना तैयार है?
मेरा मानना है कि मौजूदा वित्तीय संकट काफी हद तक सुधार है। दरअसल बाजार में कारोबार काफी ज्यादा हो रहा था और अफवाहों का बाजार भी गरम था।
ऐसी हालत में बाजार का नीचे आना तो तय था। जहां तक हमारे बैंक की बात है तो मंदी या आर्थिक संकट को लेकर हम बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। हमसे कर्ज लेने वाले समय से पैसा वापस कर रहे हैं और गैर निष्पादित परिसंपत्तियां भी सकल रूप में 1.30 फीसदी जबकि शुध्द रूप में 0.50 फीसदी है।
किन कारोबारी क्षेत्रों में आपको कर्ज देने के तरीके और मात्रा में बदलाव करना पड़ सकता है?
पंजाब की वस्त्र और हौजरी बनाने वाली कंपनियों को हम काफी कर्ज देते हैं। अमेरिकी बाजार में आई मंदी से इन कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकताह है और उनकी तरफ से कर्ज की मांग कम हो सकती है।
इसके बाद इस्पात और रियल एस्टेट के कारोबार पर भी मंदी आ सकती है। ऐसा होने पर हम कर्ज देने के अपने तरीके को बदल सकते हैं।
आपने कारोबार में इजाफे की जो दर सोची थी, उसे बरकरार किस तरह रख सकेंगे?
पिछले साल हमारे कारोबार में 24 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, लेकिन बाजार की खस्ता हालत को देखकर हमने कारोबार के अनुमानों को घटाकर 20 फीसद कर दिया है। वैसे फिलहाल ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां अभी कर्ज दिया जा सकता है।
हम दुग्ध व्यवसाय, मुर्गीपालन और कृषि क्षेत्र से जुड़े कारोबारों को बड़ी मात्रा में धन मुहैया कराने की तैयारी में लगे हैं। इस तरह की परियोजनाओं के लिए हमारे पास 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव हैं। इनकी समीक्षा की जा रही है।
इस तरह देखा जाए, तो निवेश के लिए हमारे पास परियोजनाओं की कमी नहीं है।
विनिर्माण के क्षेत्र में आपने कितना निवेश किया है?
हमने विनिर्माण क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है, जिनमें ज्यादातर परियोजनाएं सड़क निर्माण से जुड़ी हैं। पंजाब और हरियाणा में कई विद्युत परियोजनाओं के प्रस्ताव हैं।?अगर हमें परियोजनाओं में दम दिखा, तो हम उनमें भी निवेश करेंगे।
क्या इस साल अपने कारोबार विस्तार की योजना जारी रखेंगे?
बिल्कुल। कारोबार में विस्तार के लिहाज से यह बेहद उम्दा समय है। हाल ही में कारोबार में कदम रखने वाले निजी बैंकों की नाकामी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर आम आदमी का भरोसा एक बार फिर पुख्ता हुआ है। लोग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में खाता खोलने के लिए कतार लगा रहे हैं।
इस साल भी हम विस्तार जारी रखेंगे। हम खास तौर पर सुदूर इलाकों में 40 नई शाखाएं खोलने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल हमने छोटे शहरों और कस्बों में 40 से अधिक शाखाएं खोलकर अपने नेटवर्क को मजबूत किया है।
पिछले वर्ष पंजाब और हरियाणा के साथ मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भी हमने नई शाखाएं खोली थीं। फिलहाल बैंक की 829 शाखाएं हैं और विस्तार पटल हैं, जो देश के 13 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं।