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ChatGPT से एक नया खतरा आया सामने, AI अब बना रहा है फर्जी आधार कार्ड; सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी

अगर कोई व्यक्ति AI से बना नकली आधार या पैन कार्ड इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज की जा सकती है।

Last Updated- April 07, 2025 | 9:03 PM IST
Aadhaar
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock

AI-generated Aadhaar card: हाल के दिनों में, OpenAI का ChatGPT अच्छी फोटो बनाने के लिए सुर्खियों में रहा है, जिसने लोगों में आकर्षण और चिंता दोनों पैदा की हैं। वास्तविक दिखने वाली तस्वीरें बनाने की अपनी क्षमता के लिए मशहूर यह टूल नकली आधार और पैन कार्ड बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर गंभीर चिंताएं उठी हैं। इस विकास ने AI के संभावित दुरुपयोग और सख्त नियमों की जरूरत को लेकर चर्चा शुरू कर दी है।

करंजावाला एंड कंपनी की प्रिंसिपल एसोसिएट निहारिका करंजावाला-मिश्रा ने कहा, “AI से बने पहचान पत्रों के दुरुपयोग की संभावना बहुत अधिक है, लेकिन यह उतनी बड़ी समस्या भी नहीं हो सकती जितना लोग सोचते हैं। हालांकि ChatGPT जैसे AI फोटो जैसी वास्तविक दिखने वाली पहचान पत्र बना सकते हैं, लेकिन उनके पास सरकारी डेटाबेस जैसे आधार और पैन डेटाबेस तक पहुंच नहीं है। नतीजतन, AI एक आधार या पैन कार्ड बना सकता है जो देखने में असली लगे, लेकिन यह असली आधार या पैन नंबर के साथ एक सच्चा आधार या पैन कार्ड नहीं बना सकता।” 

निहारिका कहती हैं, “अगर कोई व्यक्ति AI से बने आधार या पैन कार्ड का इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी के लिए आपराधिक शिकायत शुरू की जा सकती है।” 

‘कानून बनाना जरूरी’

स्वर्णिति लॉ ऑफिसेस की पार्टनर मिताक्षरा गोयल ने कहा, “आधिकारिक रिकॉर्ड की प्रामाणिकता, जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, सरकारों को कानून बनाना चाहिए, जो संवेदनशील दस्तावेजों को बनाने के लिए AI टूल के उपयोग को प्रतिबंधित करे। इसमें नीति और कानूनी मसौदे में AI की भागीदारी को सीमित करने के लिए विशिष्ट कानून या प्रशासनिक नियम बनाना, लेखकत्व के मानव प्रमाणीकरण को अनिवार्य करना, AI-डिटेक्शन तकनीकों का उपयोग करके नियमित ऑडिट करना, और अनधिकृत AI उपयोग को रोकने के लिए आईटी और डेटा गवर्नेंस ढांचे को अपडेट करना शामिल है। सरकारी कर्मियों को जेनरेटिव AI के जोखिमों और सीमाओं के बारे में प्रशिक्षण देना भी सार्वजनिक दस्तावेजों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उतना ही जरूरी है।” 

इंडियालॉ एलएलपी के पार्टनर अश्विन आर अन्नेप्पनवर ने आधार कार्ड और पैन कार्ड की प्रामाणिकता को सत्यापित करने का तरीका बताया।

कोई भी व्यक्ति आधिकारिक UIDAI वेबसाइट पर जाकर आधार नंबर की प्रामाणिकता की पुष्टि और सत्यापन कर सकता है। उन्हें 12 अंकों का आधार नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा, और सिस्टम सत्यापन जांच करेगा। अगर नंबर वैध है, तो आपको एक मैसेज आएगा, जो आपके आधार कार्ड की प्रामाणिकता की पुष्टि करेगा। यह प्रक्रिया यूजर्स को अपने कार्ड की प्रामाणिकता जांचने और धोखाधड़ी से बचाने में मदद करती है।

सुरक्षित QR कोड का एकीकरण आधार और पैन कार्ड की प्रामाणिकता जांचने और नकली कार्ड या डुप्लिकेट की circulatio को प्रभावी ढंग से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक जरूरी जांच में कार्ड पर क्यूआर कोड को स्कैन करना शामिल है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह असली है। सरकार आधार और पैन कार्ड को सत्यापित करने के लिए ऑनलाइन टूल की सुविधा देती है।

अकॉर्ड जुरिस के मैनेजिंग पार्टनर अलाय रजवी ने AI से बने आधार या पैन का उपयोग करके होने वाले घोटालों से बचने का तरीका बताया। उन्होंने कहा, “लोगों या वेंडरों को शामिल करने से पहले हमेशा सरकारी पोर्टल के जरिए उनकी पहचान सत्यापित करें। कर्मचारियों और ग्राहकों को नकली दस्तावेजों में खतरे के संकेतों के बारे में शिक्षित करें। साथ ही बायोमेट्रिक और OTP-आधारित जांच वाले सुरक्षित KYC सत्यापन प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। इसके अलावा अपनी आधार/पैन की कॉपी को संवेदनशील जानकारी को छिपाए बिना कभी शेयर न करें।”

First Published - April 7, 2025 | 8:58 PM IST

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