facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सफर की ऑनलाइन बुकिंग करें पर नामुमकिन ऑफर से दूर रहें

यात्रा के दौरान सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर जरूरी लेनदेन करने से भी करें पूरी तरह परहेज

Last Updated- August 03, 2023 | 11:41 PM IST
Hyderabad most booked city, UP most visited state this year: Oyo Report

इस बार की गर्मियों में हजारों लोगों ने अपनी यात्रा, होटल और दूसरे जरूरी इंतजाम ऑनलाइन ही बुक किए होंगे। तकनीक और व्यस्तता के दौर में अक्सर लोग छुट्टी मनाने जाने के लिए इंटरनेट पर ही बुकिंग करते हैं। मगर ऑनलाइन सुरक्षा प्रदाता मैकैफी ने हाल में एक सर्वेक्षण के बाद आगाह किया कि यात्रा की ऑनलाइन बुकिंग करते समय लोगों को बहुत सतर्क रहना चाहिए।

मैकैफी ने सात देशों के करीब 7,000 लोगों पर सर्वेक्षण किया, जिनमें 1,010 लोग भारत से थे। सर्वेक्षण के बाद कंपनी ने सेफर हॉलिडे ट्रैवल रिपोर्ट जारी की, जिसमें पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल 51 फीसदी वयस्क भारतीय यात्रा के लिए बुकिंग करते समय ऑनलाइन घोटालों यानी स्कैम के शिकार हुए थे। जिन लोगों की जेब को चूना लगा था, उनमें से 77 फीसदी तो यात्रा शुरू होने से पहले ही 1,000 डॉलर (करीब 82,000 रुपये) तक गंवा चुके थे।

जोखिम भरा व्यवहार

हाल में महंगाई बहुत अधिक होने की वजह से सफर के इच्छुक लोग पैसे बचाने में जुट गए हैं। उनमें से कई को नासमझी भरा व्यवहार भी करने लगे हैं। मैकैफी के सर्वेक्षण में शामिल 54 फीसदी लोगों ने इंटरनेट पर बहुत सस्ती और आकर्षक डील्स तलाशने की बात कही। 50 फीसदी तो ऐसी ऑनलाइन डील्स फौरन लपकने को तैयार थे, 44 फीसदी नई बुकिंग साइट्स पर जाने को राजी थे और 47 फीसदी को सस्ती होने के कारण नई जगह जाने में भी कोई हर्ज नहीं लग रहा था।

साइबर अपराधी फिशिंग ईमेल भेजते हैं और फर्जी वेबसाइट तैयार कर देते हैं, जिनसे आपके कंप्यूटर या फोन में मैलवेयर आ सकता है। मैकैफी की रिपोर्ट कहती है कि यात्रा के इच्छुक लोगों को नामुमकिन दिखने वाली ऐसी बेहद आकर्षक डील्स वाले ईमेल से एकदम परहेज करना चाहिए, जो किसी लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं। उसके बजाय उन्हें किसी प्रतिष्ठित कंपनी की वेबसाइट पर खुद जाना चाहिए और बुकिंग करनी चाहिए।

टिकट बुक करते समय भरोसेमंद ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर और एजेंसियों का ही इस्तेमाल कीजिए। खेतान ऐंड कंपनी के पार्टनर हर्ष वालिया कहते हैं, ‘भुगतान करने से पहले पक्का कर लीजिए कि दिए गए ऑफर, वेबसाइट और सेवाएं पूरी तरह सही हैं।’ ईमेल में दिए गए वेबसाइट के लिंक को भी अच्छी तरह जांच लेना चाहिए। एसओटीसी ट्रैवल के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड (हॉलिडेज) डेनियल डीसूजा कहते हैं, ‘फिशिंग करने वाले अक्सर स्पेलिंग इस तरह बदल देते हैं कि आप आसानी से उसे पकड़ ही नहीं पाते।’

वह कंपनी के सोशल मीडिया पेज पर जाने और उसके बारे में दिए गए रीव्यू पढ़ने की सलाह देते हैं ताकि पक्का हो सके कि आप भरोसेमंद कंपनी के साथ लेनदेन कर रहे हैं। कोई छप्परफाड़ छूट देने की बात कर रहा हो तो उससे फौरन कन्नी काट लीजिए। नियो में स्ट्रैटजी हेड स्वप्निल भास्कर कहते हैं, ‘अगर कोई पेशकश नामुमकिन जितनी अच्छी लग रही हो तो उससे बिल्कुल दूर रहें।’

वेबसाइट नई हो तो देख लीजिए कि धोखाधड़ी वाला मामला तो नहीं है। वकील तथा साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ प्रशांत माली की सलाह है, ‘गूगल सर्च में कंपनी का नाम टाइप कीजिए और साथ में ‘फ्रॉड’ शब्द टाइप कर दीजिए। अगर कंपनी के खिलाफ कोई भी शिकायत होगी तो वह सर्च में सामने आ जाएगी।’

यह भी ध्यान रहे कि भुगतान सुरक्षित वेबसाइट पर ही करने हैं। माली कहते हैं, ‘एड्रेस हमेशा ‘http’ से ही शुरू होना चाहिए। एड्रेस बार में पैडलॉक का चिह्न भी नजर आना चाहिए।’ इस चिह्न से पता चलता है कि वेबसाइट में भरा गया ब्योरा आगे भेजने से पहले गोपनीय बना दिया जाएगा।

भुगतान के लोकप्रिय विकल्प तलाशिए। भास्कर कहते हैं, ‘यदि वीसा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, डिस्कवर जैसे भुगतान विकल्प हैं तो इसका मतलब है कि नेटवर्क प्रदाताओं ने कुछ जांच-पड़ताल कर ली है।’

फर्जीवाड़े से सावधान

घोटाला करने वाले अक्सर छुट्टियां मनाने के लिए किराये के कमरों या मकानों का फर्जी विज्ञापन करते हैं। कई बार तो वे जाने-माने प्लेटफॉर्म्स पर भी ऐसा करते हैं। माली का कहना है, ‘वे बुकिंग के लिए पैसे फौरन देने को कहते हैं। जब सैलानी उस जगह पर पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि किराये पर कमरा है ही नहीं।’

मैकैफी की रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि किराया देने से पहले उस संपत्ति के मालिक का नाम सार्वजनिक रिकॉर्ड में जांच लेना चाहिए। कंपनी ऑनलाइन ट्रांसफर, प्रीपेड कार्ड या गिफ्ट कार्ड के जरिये भुगतान करने से भी रोकती है क्योंकि इन तरीकों से भेजी गई रकम वापस नहीं आ सकती।

यात्रा में रहें चौकस

कई सैलानी बेहद अहम और बड़े लेनदेन करने के लिए भी सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर लेते हैं। माली आगाह करते हैं, ‘जब आप सार्वजनिक स्थान पर मुफ्त में मिलने वाला वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं तब आप जो भी जरूरी ब्योरा भरते हैं, उसे कोई भी बीच में लपककर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता है।’

इसलिए भरोसेमंद वाई-फाई नेटवर्क से ही जुड़ें या वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्तेमाल करें। आपके डिवाइस मजबूत पासवर्ड और बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिये महफूज रहने चाहिए। मैलवेयर के संक्रमण से बचने के लिए सॉफ्टवेयर और एंटी-वायरस ऐप्लिकेशन पूरी तरह अपडेट होने चाहिए। आजकल संपूर्ण सिक्योरिटी सॉल्यूशन उपलब्ध हैं, जो हानिकारक वेबसाइट को पहचान सकते हैं और वीपीएन भी प्रदान कर सकते हैं।

वालिया की सलाह है कि सफर शुरू करने से पहले यात्रियों को अपने बैंक खातों में डिजिटल भुगतान, व्यापारियों को भुगतान और विदेश में भुगतान के लिए सीमाएं तय कर देनी चाहिए। यात्रा के दौरान अपने बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट जांचते रहें ताकि आपकी मर्जी के बगैर हुआ लेनदेन फौरन पकड़ में आ जाए। यदि ऐसा कोई लेनदेन पता चलता है तो फौरन अपने बैंक को बताएं।

First Published - August 3, 2023 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट