Budget 2025: आयकर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल और कम झंझटभरा बनाने के लिए सरकार बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। पिछले एक दशक में 120 अरब डॉलर से अधिक के विवाद बढ़ने के कारण इसे सुलझाने पर जोर दिया जा रहा है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर अधिनियम, 1961 में सुधार का प्रस्ताव अंतिम चरण में है और इसे जनवरी के मध्य तक सार्वजनिक परामर्श के लिए पेश किया जा सकता है। इसके बाद संशोधित कानून को सरकार के आगामी फरवरी के बजट में शामिल किए जाने की संभावना है।
सरकार का उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना और विवादों को कम करके बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करना है।
सरकार कर कानूनों को आसान और समझने में सरल बनाने के लिए बदलाव करने की तैयारी कर रही है। जानकारी को फॉर्मूला और टेबल के ज़रिए पेश किया जाएगा, लेकिन टैक्स रेट्स और पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं होगा। इस पर वित्त मंत्रालय की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भारत लंबे समय से कर कानूनों को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि करदाताओं पर बोझ कम हो और अनुपालन बेहतर हो। मार्च 2023 तक कर विवाद बढ़कर ₹10.5 लाख करोड़ हो गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में कहा था कि कर कानूनों की समीक्षा छह महीने में पूरी कर ली जाएगी, जिससे यह नियम करदाताओं के लिए और आसान हो सकें।
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सरकार टैक्स प्रणाली को सरल और सुगम बनाने के लिए कई बड़े बदलाव करने की योजना पर काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इन बदलावों का उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए प्रक्रिया को कम जटिल और अधिक पारदर्शी बनाना है। प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:
आय गणना के नए फॉर्मूले
अब जटिल तरीके से आय की गणना करने की जगह सरल फॉर्मूले लागू किए जा सकते हैं।
एक ही टैक्स ईयर
असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर को मिलाकर सिर्फ एक टैक्स ईयर की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।
टेबल फॉर्मेट में जानकारी
समान टैक्सपेयर्स के लिए जानकारी को टेबल के रूप में दिखाने का प्रस्ताव है, ताकि इसे आसानी से समझा जा सके।
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फॉर्म्स की संख्या घटेगी और ऑनलाइन होंगे उपलब्ध
टैक्स रिटर्न के साथ जमा किए जाने वाले फॉर्म्स की संख्या कम की जा सकती है और ये सभी फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन बदलावों से टैक्स प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद है कि ये सुधार जल्द लागू किए जाएंगे।