आयकर विभाग (Income-Tax Department) के दबाव के बाद, 30,000 से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने ₹29,208 करोड़ मूल्य की विदेशी संपत्तियों (foreign assets) और ₹1,090 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय (additional foreign income) की घोषणा की है। यह आंकड़ा आकलन वर्ष (AY) 2024-25 के लिए है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने यह जानकारी दी। पिछले साल सितंबर 2023 में, भारत को 108 से ज्यादा देशों से विदेशी खातों और विदेश में अर्जित ब्याज एवं डिविडेंड जैसी आय की वित्तीय जानकारी प्राप्त हुई थी।
ऑटोमेटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज सिस्टम के तहत प्राप्त डेटा का उपयोग करते हुए, CBDT ने 17 नवंबर को एक “अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान” शुरू किया। इस अभियान के तहत टैक्सपेयर्स को आकलन वर्ष (AY) 2024-25 के लिए संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) में अपनी विदेशी संपत्तियों और आय की घोषणा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस अभियान का प्रभावी परिणाम यह रहा कि 6,734 टैक्सपेयर्स ने अपनी आवासीय स्थिति (resident status) को “निवासी” से बदलकर “अनिवासी” (non-resident) कर लिया।
एक अधिकारी के अनुसार, इस अभियान के तहत 24,678 टैक्सपेयर्स ने अपनी ITR की समीक्षा की, जबकि 5,483 टैक्सपेयर्स ने AY 2024-25 के लिए विलंबित रिटर्न (belated returns) दाखिल किए।
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान का मूल आधार सरकार का “पहले विश्वास” (Trust First) दृष्टिकोण है, जो कार्रवाई से पहले स्वैच्छिक अनुपालन को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, “तुरंत वेरिफिकेशन या कड़ी जांच के बजाय, विभाग ने पहले टैक्सपेयर्स पर भरोसा किया और उन्हें अपनी विदेशी आय और संपत्तियों की सही और पूरी घोषणा करने का पर्याप्त अवसर दिया।”
CBDT ने उच्च विदेशी खाता बैलेंस या निर्धारित सीमा से अधिक विदेशी आय (ब्याज या डिविडेंड) वाले 19,501 टैक्सपेयर्स को SMS और ईमेल भेजकर अपनी विदेशी संपत्तियों और आय की घोषणा के लिए ITR में संशोधन करने का आग्रह किया।
अधिकारी ने बताया, “इसके अलावा, पूरे भारत में 30 जागरूकता सत्र, सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए गए, जिनमें 8,500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने सीधे भाग लिया। सोशल मीडिया पर पैंफलेट, ब्रोशर और विस्तृत संवाद सत्रों के माध्यम से जागरूकता को और मजबूत किया गया।”
अधिकारी ने बताया, “लगभग 62% टैक्सपेयर्स ने, जिन्हें आयकर विभाग से नोटिफिकेशन मिला, सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और स्वेच्छा से अपने ITR संशोधित किए। आकलन वर्ष (AY) 2021-22 में विदेशी संपत्तियों और आय की स्वैच्छिक घोषणा करने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 60,000 थी, जो AY 2024-25 में बढ़कर 2,31,452 हो गई। इस वर्ष, व्यापक जागरूकता और संपर्क अभियान के कारण, स्वैच्छिक घोषणाओं में AY 2023-24 की तुलना में 45.17% की वृद्धि दर्ज की गई।”
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भारत ग्लोबल टैक्स ट्रांसपेरेंसी पहलों में एक्टिव भागीदार है, विशेष रूप से कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट (FATCA) के माध्यम से। ये फ्रेमवर्क फाइनैंशियल अकाउंट्स की ऑटोमेटिक जानकारी के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करके विदेशी टैक्स चोरी से निपटने में मदद करते हैं।
भारत CRS को अपनाने वाला शुरुआती देश है, जिसे ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) द्वारा लागू किया गया है, ताकि अन्य न्यायक्षेत्रों (jurisdictions) के साथ वित्तीय जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सके।