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Credit Card यूजर्स ध्यान दें! EMI पर खरीदते हैं सामान तो बिगड़ सकता है आपका बजट, जानें इसके फायदे और नुकसान

क्रेडिट कार्ड EMI यानी (Equated Monthly Installment) एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए आप अपनी बड़ी खरीदारी का पैसा हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में चुका सकते हैं।

Last Updated- April 06, 2025 | 7:55 PM IST
Credit Card
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixabay

क्रेडिट कार्ड आज के समय में हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। खरीदारी से लेकर बिल पेमेंट तक, यह एक आसान और तेज तरीका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड से की गई बड़ी खरीदारी को आप आसान मासिक किस्तों यानी EMI में बदल सकते हैं? जी हां, क्रेडिट कार्ड EMI एक ऐसा ऑप्शन है जो आपके बजट को संभालने में मदद करता है। लेकिन इसके साथ कुछ जरूरी बातें भी हैं जो हर यूजर को समझनी चाहिए। आइए, इसमें हम क्रेडिट कार्ड EMI के बारे में 5 अहम चीजों के बारे में बात करते हैं, जो हमें जानना बहुत जरूरी है।

 क्रेडिट कार्ड EMI क्या है और यह कैसे काम करता है?

क्रेडिट कार्ड EMI यानी (Equated Monthly Installment) एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए आप अपनी बड़ी खरीदारी का पैसा हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में चुका सकते हैं। मान लीजिए, आपने 30,000 रुपये का स्मार्टफोन क्रेडिट कार्ड से खरीदा। अब इसे एक साथ चुकाने की बजाय, आप इसे 6 महीने की EMI में बदल सकते हैं। हर महीने आपको करीब 5,000 रुपये चुकाने होंगे। यह सुविधा ज्यादातर बैंकों के क्रेडिट कार्ड में उपलब्ध होती है। इसके लिए आपको खरीदारी के बाद बैंक की वेबसाइट, ऐप या कस्टमर केयर के जरिए EMI में बदलने की रिक्वेस्ट करनी होती है। यह आपके बड़े खर्च को आसान बनाता है, लेकिन इसके नियम और शर्तें हर बैंक के अलग-अलग हो सकते हैं।

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ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस पर रखें नजर

क्रेडिट कार्ड EMI लेते वक्त सबसे जरूरी है ब्याज दर और दूसरी फीस को समझना। हर बैंक EMI पर अलग-अलग ब्याज लेता है। EMI की ब्याज दर आमतौर पर 1.5% प्रति महीने से शुरू होती है, जो सालाना 18% से ज्यादा भी हो सकती है। कुछ बैंक नो-कॉस्ट EMI का ऑफर भी देते हैं, जिसमें ब्याज नहीं लगता, लेकिन इसके लिए खास शर्तें होती हैं। इसके अलावा, कई बार प्रोसेसिंग फीस भी ली जाती है, जो एक बार में 99 रुपये से 500 रुपये तक हो सकती है। इसलिए, EMI चुनने से पहले यह जरूर चेक करें कि कुल खर्च कितना बढ़ेगा, वरना सस्ता दिखने वाला ऑप्शन महंगा पड़ सकता है।

क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है असर

क्या आपको पता है कि क्रेडिट कार्ड EMI आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकती है? अगर आप EMI का भुगतान समय पर करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है। इससे भविष्य में लोन लेना आसान हो सकता है। लेकिन अगर आप EMI चुकाने में चूक गए, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही, हर बार EMI में बदलने से आपकी क्रेडिट लिमिट का कुछ हिस्सा ब्लॉक हो जाता है, जो आपकी खर्च करने की आजादी को कम कर सकता है। इसलिए, EMI लेते वक्त अपनी चुकाने की क्षमता का सही आकलन करें।

नो-कॉस्ट EMI का सच समझें

नो-कॉस्ट EMI आजकल बहुत चर्चा में है। ई-कॉमर्स साइट्स और बैंक अक्सर इसे प्रमोट करते हैं। लेकिन क्या यह सचमुच बिना ब्याज का होता है? नो-कॉस्ट EMI में ब्याज का बोझ ग्राहक पर नहीं पड़ता, बल्कि यह छूट दुकानदार या बैंक की ओर से दी जाती है। कई बार प्रोडक्ट की कीमत में ही ब्याज शामिल कर दिया जाता है, जिसे आप नोटिस नहीं करते। मिसाल के तौर पर, 20,000 रुपये का सामान नो-कॉस्ट EMI में 6 महीने के लिए लिया, तो हर महीने 3,333 रुपये देने होंगे। लेकिन अगर सामान की असल कीमत कम थी, तो आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए, ऑफर की सच्चाई को अच्छे से जांचें।समय से पहले चुकाने के नियम और फायदेअगर आप EMI को तय समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो क्या होगा? कुछ बैंक इसके लिए फोरक्लोजर चार्ज लेते हैं, जो बाकी ब्याज का 2-5% तक हो सकता है। लेकिन अगर कोई चार्ज नहीं है, तो पहले चुकाने से आप ब्याज का खर्च बचा सकते हैं। मान लीजिए, आपने 12 महीने की EMI ली, लेकिन 6 महीने में ही पूरा पैसा चुका दिया। ऐसे में बाकी 6 महीने का ब्याज आपको नहीं देना पड़ेगा। हालांकि, हर बैंक के नियम अलग हैं, इसलिए पहले चुकाने का प्लान हो तो बैंक से पहले कन्फर्म कर लें।

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और किन बातों का रखना चाहिए ध्यान?

क्रेडिट कार्ड EMI एक शानदार तरीका है बड़े खर्च को मैनेज करने का, लेकिन इसके फायदे तभी मिलते हैं जब आप इसे समझदारी से इस्तेमाल करें। ब्याज दर, फीस, क्रेडिट स्कोर और नो-कॉस्ट EMI जैसे ऑफर्स पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही, समय से पहले चुकाने के ऑप्शन को भी नजरअंदाज न करें। बैंकों के बदलते नियमों और ऑफर्स के बीच, यह सुविधा आपके लिए वरदान भी बन सकती है और बोझ भी। तो अगली बार जब आप क्रेडिट कार्ड से कुछ बड़ा खरीदें, तो इन 5 बातों को जरूर याद रखें। इससे न सिर्फ आपका पैसा बचेगा, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग भी मजबूत होगी।

First Published - April 6, 2025 | 7:55 PM IST

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