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इक्विटी फंडों ने कसी कमर, नकदी के साथ तैयार 

नकदी में वृद्धि मुख्य रूप से एसबीआई म्युचुअल फंड, क्वांट म्युचुअल फंड और मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड के कारण हुई है।

Last Updated- February 23, 2025 | 10:46 PM IST
Saving rate in India is higher than global average, first choice of mutual fund investors भारत में बचत दर ग्लोबल एवरेज से ज्यादा, म्युचुअल फंड निवेशकों की पहली पसंद

निरंतर निवेश के बावजूद इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं के पास भरपूर नकदी है।  शेयर बाजार में गिरावट के कारण खरीदारी के नए मौके पैदा होने से फंड मैनेजर अपने पोर्टफोलियो को दुरुस्त कर रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी के अंत तक शीर्ष 20 म्युचुअल फंड​ कंप​नियों की इक्विटी योजनाओं के पास अपने पोर्टफोलियो का 6.1 प्रतिशत नकदी के रूप में था। यह दिसंबर के 5.9 प्रतिशत और नवंबर के 5.4 प्रतिशत से अधिक है। नकदी में वृद्धि मुख्य रूप से एसबीआई म्युचुअल फंड, क्वांट म्युचुअल फंड और मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड के कारण हुई है।

एसबीआई एमएफ का इक्विटी ग्रोथ योजनाओं में नकदी आवंटन महीने-दर-महीने 8.3 प्रतिशत से बढ़कर 9 प्रतिशत हो गया जबकि क्वांट एमएफ का 7 प्रतिशत से बढ़कर 8.9 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक मोतीलाल ओसवाल एमएफ ने अपने नकदी स्तर को 7.3 प्रतिशत से लगभग दोगुना करके 14 प्रतिशत कर दिया। अधिकांश अन्य म्युचुअल फंड कंपनियों के नकदी स्तर में थोड़ी गिरावट दिखी। 

म्युचुअल फंड अधिकारियों का कहना है कि वे पूरी तरह निवेशित हैं  लेकिन अधिक मूल्यांकन और बाजार के अनिश्चितता वाले दौर के लिए वे कुछ नकदी रखते हैं। नकदी का स्तर निवेश के आने और निवेश के निकलने के साथ-साथ प्रमुख पोर्टफोलियो में बदलाव के आधार पर बदलता रहता है।

विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और धीमी अर्थव्यवस्था में कंपनियों की आय को लेकर चिंताओं के कारण बेंचमार्क निफ्टी 50 लगातार पांचवें महीने निचले स्तर पर बंद होने के कगार पर है।

हालांकि, घरेलू पूंजी निवेश की आवक मजबूत बनी हुई है। सक्रिय इक्विटी फंड योजनाओं में जनवरी में लगभग 39,688 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया, जिससे फंड हाउसों को महीने के दौरान इक्विटी में लगभग 55,000 करोड़ रुपये लगाने का अवसर मिला। बाजार की गिरावट ने फंड मैनेजरों के लिए कुछ हद त क मूल्यांकन संबंधी चिंताएं कम कर दी हैं। 

 इस महीने की शुरुआत में एसबीआई फंड ने एक नोट में कहा, ‘हाल की गिरावट के चलते हमारे आवंटन ढांचे में दो बदलाव हुए हैं। पहला, लार्जकैप के लिए मूल्यांकन तर्क ऐतिहासिक माध्य के करीब आ गए हैं।’ इसमें कहा गया, ‘दूसरा, इक्विटी बाजार की धारणा पिछले वर्ष के मुकाबले अब फिर से तटस्थ है।’

First Published - February 23, 2025 | 10:46 PM IST

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