2023 में, देश के बड़े शहरों में किराये की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली, जो पिछले साल की तुलना में 10% से लेकर 31% तक की भारी बढ़ोतरी है। CBRE के अंशुमन मैगज़ीन जैसे रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग शहरों में रहना चाहते थे, लेकिन निर्माण में देरी और संपत्ति महंगी होने के कारण पर्याप्त घर नहीं हैं।
COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट रुक गये, जिससे घरों की कमी हो गई। COVID-19 के बावजूद छोटे शहरों से बड़े शहरों की तरफ पलायन जारी रहा, कोविड के दौरान जो लोग घर से काम कर रहे थे, जब वे एकाएक अपने वर्कप्लेस पर आए तो घरों की कमी हो गई। इसके चलते किराये की कीमतें आसमान छूने लगीं।
हाउसिंग डॉट कॉम, प्रॉपटाइगर डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम की रिसर्च हेड अंकिता सूद ने सप्लाई और मांग के बीच एक बड़े अंतर के बारे में बताया, यह गैप खासकर शहर के सेंटर के पास के लोकप्रिय इलाकों में कुछ ज्यादा ही बड़ा है। किराये की कीमतें उन शहरों में भी बढ़ीं जहां तकनीक और स्टार्टअप बढ़ रहे हैं, जैसे बेंगलूरु।
बहुत से लोग रेडी-टू-मूव घर चाहते हैं, जिसके कारण नई इन्वेंट्री की डिमांड बहुत बढ़ गई है। नाइट फ्रैंक इंडिया के विवेक राठी ने कहा कि चूंकि संपत्ति की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, किराये की कीमतें भी उसके बराबर बढ़ गई हैं।
आगे देखते हुए, किराया क्या इसी रफ्तार से बढ़ेगा या इसमें ब्रेक लगेगा, इसको लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। सूद का अनुमान है कि बाजार में नई सप्लाई आने में अभी समय लगेगा। उस लिहाज से जिस रफ्तार से अभी किराया बढ़ रहा है वही गति जारी रहने की संभावना है। राठी इस बात से सहमत हैं कि किराये की कीमतों में वृद्धि को धीमा करने के लिए पर्याप्त संपत्ति होने में कुछ साल लगेंगे। हालांकि, आने वाले समय में इसकी रफ्तार थोड़ी कम हो सकती है।
NoBroker.com के सीईओ अमित कुमार अग्रवाल का मानना है कि कई लोगों के लिए किराये की कीमतें पहले से ही बहुत अधिक हैं। उन्हें उम्मीद है कि 2024 तक बढ़ोतरी की दर धीमी हो जाएगी क्योंकि इस दौरान नए घर तैयार हो जाएंगे। अग्रवाल का अनुमान है कि भविष्य में किराया हर साल लगभग 4-8% बढ़ेगा।
किराया बचाने के टिप्स
चूंकि किराया हर साल बढ़ रहा है, ऐसे में किरायेदारों को इससे बचने के लिए कुछ खास कदम उठाने चाहिए। जैसे कि प्रॉपर्टी को कुछ सालों के लिए लीज पर ले लेना, शहर की मुख्य जगहों में रहने के बजाय अन्य इलाकों में रहना। साथ ही जिस इलाकों में आप रह रहे हैं वहां से आपको हर दिन आने जाने में कितना पैसा और समय आवागमन में खर्च करना पड़ेगा, इसका भी विचार करना चाहिए।
इसके अलावा, किरायेदार प्रॉपर्टी को खाली करने से पहले लंबे नोटिस पीरियड को लेकर भी बात कर सकते हैं। ऐसे में जब आप नई प्रॉपर्टी में शिफ्ट होने का सोचेंगे, तो आपको महंगी प्रॉपर्टी के बीच एक अच्छा ऑप्शन पाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। किरायेदार अगर मैनेज कर सकते हैं, तो वे शेयरिंग में रहने, को-लिविंग स्पेस में रहने का भी विचार कर सकते हैं, जो काफी सस्ता पड़ेगा।