Aadhaar KYC: देश में आधार आधारित KYC प्रोसेस को अधिक सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) इसकी प्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, UIDAI का लक्ष्य है कि बिना आधार नंबर और व्यक्तिगत जानकारी साझा किए लोग KYC प्रक्रिया को पूरा कर सकें।
इस नई व्यवस्था में न तो बायोमेट्रिक सत्यापन की जरूरत होगी और न ही ओटीपी (OTP) की। UIDAI ऑफलाइन KYC को बढ़ावा देने के लिए QR कोड और PDF फॉर्मेट का उपयोग बढ़ाने की योजना बना रहा है, जो मौजूदा XML फॉर्मेट से अधिक सरल होगा।
हाल ही में कई स्टार्टअप कंपनियों — जैसे फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स — को यूजर्स का KYC पूरा करने में दिक्कत आई थी। जून में UIDAI और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeitY) ने कुछ वेबसाइट्स को आधार डेटा तक अनधिकृत पहुंच के कारण ब्लॉक कर दिया था। इसका असर फिनटेक और लेंडिंग कंपनियों के ग्राहकों को जोड़ने की प्रक्रिया पर पड़ा।
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UIDAI ने आधार के पंजीकरण और अपडेट प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब दस्तावेजों की रियल-टाइम वेरिफिकेशन होगी और आवेदकों की जानकारी अन्य सरकारी डाटाबेस से मिलाई जाएगी, ताकि फर्जी या डुप्लिकेट पहचान रोकी जा सके।
देश में अब तक 140 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। मार्च 2025 में UIDAI ने 20 लाख नए आधार नंबर जारी किए और करीब 1.91 करोड़ पुराने आधार अपडेट किए।
अब सरकार का फोकस नए व्यस्क आवेदनों की सख्त जांच पर है। पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल और मनरेगा जैसे डाटाबेस से ऑनलाइन मिलान किया जा रहा है।
UIDAI ने चेतावनी दी है कि जिन बच्चों का आधार 5 साल से पहले बना है और जिनका बायोमेट्रिक अपडेट 7 साल की उम्र तक नहीं हुआ, उनका आधार अस्थायी रूप से इनएक्टिव किया जा सकता है।
9 जुलाई को जारी प्रेस विज्ञप्ति में UIDAI ने बताया कि उसने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) के लिए SMS भेजना शुरू कर दिया है।
5 से 7 वर्ष की उम्र के बीच बच्चों के फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग अनिवार्य है। यदि 7 साल के बाद यह अपडेट किया जाता है, तो ₹100 का शुल्क लगेगा। अपडेट नहीं करने पर स्कूल एडमिशन और स्कॉलरशिप जैसी सुविधाओं में परेशानी हो सकती है।
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पिछले 15 वर्षों में UIDAI ने 140 करोड़ से ज़्यादा आधार नंबर जारी किए हैं, जिनमें कुछ मृत लोगों के भी शामिल हैं। अब वयस्कों के लिए आधार कवरेज लगभग पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, अब नवजात शिशुओं को भी जन्म के तुरंत बाद आधार मिल रहा है।
ऐसे में सरकार ने Aadhaar जारी करने के नियमों को कड़ा करने का फैसला किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया है कि अब किसी भी अवैध प्रवासी के लिए आधार बनवाना आसान नहीं होगा। पहले नियमों में ढील थी, जिससे कई अवैध प्रवासियों को भी आधार मिल गया था, और वे इसका इस्तेमाल दूसरे पहचान पत्र बनवाने में करते थे।
अब नई व्यवस्था में राज्य सरकारों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अवैध व्यक्ति न तो आधार बनवा सके और न ही इसे जालसाजी के ज़रिए हासिल कर सके।
सूत्रों के मुताबिक, भले ही पहले कुछ अवैध प्रवासी आधार के सहारे मतदाता सूची जैसे सिस्टम को धोखा देने में सफल रहे हों, लेकिन अब नए नियमों के बाद आधार को इस तरह इस्तेमाल करना संभव नहीं होगा।