भले ही भारत में लोगों की सोने की प्रति दीवानगी बहुत ज्यादा है लेकिन वेंचर कैपिटलिस्ट वाणी कोला सोने में निवेश (Gold Investment) करने में विश्वास नहीं रखती हैं। उनके पास ज्यादा सोने के गहने नहीं हैं और उन्हें नहीं लगता कि यह एक अच्छा निवेश है। उनका मानना है कि निवेश के बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं।
कलारी कैपिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर और फाउंडर वाणी कोला नहीं मानती कि सोना एक अच्छा निवेश है। उनका मानना है कि निवेश के अन्य विकल्प भी हैं जो ज्यादा लाभदायक और कम जोखिम वाले हैं। उन्हें सोना स्टोर करने और सुरक्षित रखने का झंझट भी पसंद नहीं है।
कोला ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, भारतीयों के पास अनुमानित 25,000 टन सोना है। दक्षिण अफ्रीका सोने के खनन में दुनिया में सबसे आगे है, जो हर साल लगभग 2,500 टन सोने का उत्पादन करता है।
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उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, भारतीय सोने को एक मूल्यवान संपत्ति मानते हैं ताकि वे उसकी मदद से भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।
कोला लिखती हैं, सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर पुरानी पीढ़ी के लोगों द्वारा। पुरानी पीढ़ी के लोग अक्सर अपना सोना बैंकों के सेफ्टी डिपॉजिट बॉक्स में रखते हैं। भारत में सोने के प्रति प्रेम कितना ज्यादा है, इसका प्रमाण इस तथ्य से मिलता है कि यहां सोना खरीदने के लिए एक त्योहार मनाया जाता है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, हर देश के केंद्रीय बैंक सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में स्टोर करते हैं। भारत के पास लगभग 800 टन सोने का भंडार है, जबकि अमेरिका के पास लगभग 8000 टन है। हर देश की मुद्रा का मूल्य उसके स्वर्ण भंडार से जुड़ा होता है।
इक्विटी ने हमेशा सोने की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है। इक्विटी पर औसत सालाना रिटर्न 11-14% है, जबकि सोने पर औसत सालाना रिटर्न 6% है।
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