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आईआईटी पर भारी पड़े आईआईएम

Last Updated- December 05, 2022 | 5:09 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों(आईआईटी) का इंजीनियरिंग क्षेत्र में भले ही जलवा है, लेकिन मैनेजमेंट पाठयक्रमों के लिए ये संस्थान छात्रों की पहली पसंद नहीं हैं।


यहां तक कि आईआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले छात्र भी मैनेजमेंट की पढ़ाई में इन संस्थानों को तवज्जो नहीं देते।मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले प्रमुख कोचिंग संस्थान करियर लॉन्चर के निदेशक (एकेडमिक्स) अरिंदम लाहिड़ी इस बारे में कहते हैं कि आईआईएम से इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र मैनेजमेंट कोर्स के लिए इस क्षेत्र की उतनी ही प्रतिष्ठित संस्था (आईआईएम) का रुख करते हैं।


वह कहते हैं कि आईआईटी के मैनेजमेंट कोर्स उन लोगों के लिए ज्यादा मायने रखते हैं, जिन्हें यहां स्नातक स्तर पर दाखिला न मिला हो।मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक अन्य संस्थान टाइम के वरिष्ठ अकैडमिक सदस्य जयदीप सिंह चौधरी के मुताबिक, देश के कुल 8 आईआईएम संस्थानों में 54 फीसदी छात्र इंजीनयिरंग ग्रैजुएट होते हैं, जिनमें 20 फीसदी छात्र आईआईटी से आते हैं।


न्यू एरा कंस्लटेंसी के निदेशक अरविंद सहगल का मानना है कि आईआईएम ग्रैजुएट्स को इंडस्ट्री से जुड़ रणनीतियों के बारे में पढ़ाया जाता है और इस वजह से किसी भी कंपनी के लिए नए लड़कों को प्रशिक्षित करने का बोझ काफी हद तक हल्का हो जाता है। दूसरी तरफ आईआईटी के मैनेजमेंट कोर्स से जुड़े छात्रों की पढ़ाई तकनीकी वातावरण में होती है और इसके मद्देनजर वे तकनीकी विभागों में काफी अच्छा करने की संभावना रखते हैं।


इस वजह से ये छात्र कंपनियों की दूसरी पसंद होते हैं और इससे उनका वेतन भी प्रभावित होता है। सहगल कहते हैं कि जहां फ्रेश आईआईएम ग्रैजुएट का औसत वेतन 12 से 15 लाख रुपये सालाना होता है, वहीं आईआईटी से मैनेजमेंट कोर्स करने वाले का औसत वेतन 6 से 7 लाख रुपये सालाना के बीच बैठता है।इंडस स्कूल ऑफ बिजनेस के संस्थापक चेयरमैन और निदेशक सत्य नारायण कहते हैं आईआईटी से जुड़े मैनेजमेंट विभागों का स्तर देश के सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट संस्थान आईआईएम से काफी नीचे है।


हालांकि पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी के मैनेजमेंट विभागों के वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है। मसलन शैलेश जे. मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आईआईटी मुंबई के वेतन में इस बार पिछले साल के मुकाबले 44 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली। पिछले साल जहां इस संस्थान का औसत वेतन 9.71 लाख रुपये था, वहीं इस साल यह बढ़कर 13.96 लाख रुपये हो गया।


इसके अलावा विनोद गुप्ता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आईआईटी खड़गपुर के औसत घरेलू वेतन में भी इस साल 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस साल इस बाबत आंकड़ा 11.44 लाख रुपये सालाना रहा। बहरहाल इन संस्थानों और आईआईएम के बीच वेतन का अंतर बरकरार है, क्योंकि इस साल आईआईएम के औसत वेतन में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।


अहमदाबाद जैसे पुराने आईआईएम संस्थान के छात्रों के वेतन में इस साल 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह बढ़कर 18 लाख सालाना तक पहुंच गया। इसके अलावा कोझीकोड जैसे नए आईआईएम संस्थान के औसत वेतन में इस बार 16 फीसदी का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 14.83 लाख रुपये सालाना तक पहुंच गया।


विनोद गुप्ता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आईआईटी खड़गपुर के डीन प्रबीर कुमार कहते हैं कि यह बात जरूर है कि आईआईएम के सभी संस्थान बहुत अच्छे हैं, लेकिन इनकी तुलना आईआईटी द्वारा चलाए जा रहे मैनेजमेंट संस्थानों से नहीं की जा सकती। कुमार के मुताबिक, ये संस्थान अपने आप में अलग हैं और हाल में भर्तियों के मामले में इनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। इसके साथ ही एक और बात है, जो इन संस्थानों की अहमियत दर्शाता है।


गुप्ता का कहना है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आईआईटी के ज्यादातर इंजीनियरिंग ग्रैजुएट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए या तो आईआईएम या फिर विदेशी संस्थानों को तरजीह देते हैं। लेकिन ऐसे छात्रों की भी कमी नहीं जो मैनेजमेंट के लिए आईआईटी से जुड़े संस्थानों का चयन करते हैं। प्रबीर ने बताया कि इंजीनियरिंग के साथ-साथ मैनेजमेंट कोर्स करने की सुविधा प्रदान किए जाने के बाद आईआईटी से जुड़े मैनेजमेंट संस्थानों में छात्रों की तादाद में इजाफा हुआ है।


केपीएमजी के कार्यकारी निदेशक के. रमन के मुताबिक, अगर आप तकनीकी क्षेत्र के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में मैनेजमेंट की डिग्री लेना चाहते हैं, तो बेशक देश में सबसे बेहतर विकल्प आईआईएम है, लेकिन अगर कोई टेक्निकल मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल करना चाहता है, तो उसके लिए आईआईटी का विकल्प सबसे बेहतर है।


आईआईटी की इस पहल का मकसद मैनेजमेंट कोर्स के क्षेत्र में भी संस्थान को अव्वल बनाना था। साथ ही इन संस्थानों में तकनीक पर आधारित इंडस्ट्री पर फोकस करने की बात कही गई थी। आईआईटी से जुड़ा सबसे पुराना मैनेजमेंट संस्थान इसकी कानपुर ईकाई से जुड़ा हुआ विभाग है। इसकी स्थापना 1974 में की गई थी।

First Published - March 27, 2008 | 12:58 AM IST

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