सॉफ्टवेयर अप्लीकेशन प्रोटोकॉल (सैप), इंडिया के मुरीदों की तादाद मुल्क में तेजी से बढ़ रही है।
खास तौर पर हिंदुस्तान के छोटे और मझोले उद्यमों के बीच तो इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इसकी सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में 1500 से भी ज्यादा कंपनियों ने सैप की सेवाएं ली हैं। छोटे और मझोले सेगमेंट की कंपनियों के बीच इसके ग्राहकों की तादाद आज की तारीख में 2300 हो गई है।
अलग-अलग सेक्टरों की कंपनियां आज की तारीख में सैप की तरफ इसीलिए मुड़ रही हैं। दरअसल, उनके मुताबिक इससे उन्हें नई क्षमता को बनाने और अपनी वैल्यू को बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही, इस कंपनी से नए सॉफ्टवेयर खरीदने से उन्हें नए बाजारों तक भी अपनी पहुंच बनाने में मदद मिलती है।
यह बात तो कोई भी देख सकता है कि पिछले कुछ सालों से भारत के छोटे और मझोले उद्यमों नई तकनीक को अपनाने के मामले में एक प्रकार से नाटकीय बदलाव आया है। इस प्रकार से तो वह दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने भी नई और उन्नत तकनीक के इस्तेमाल के मामले में एक मिसाल कायम कर रहे हैं।
बड़ी कंपनियों की तरह अपने देश की छोटी और मझोली कंपनियां भी ऑटोमेटिक मशीनों को तेजी से अपना रही हैं। साथ ही, इस तरह के उद्यम के उत्पादों पर मानकों को लेकर भी कोई किसी प्रकार का सवाल खड़ा नहीं कर सकता है। ये आज की तारीख में मानक प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। साथ ही, अपने जगह-जगह बिखरे काम को भी वे एक जगह समेट रही हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो अपने काम को वे एकीकृत प्लेटफॉर्म पर लेकर आ रहे हैं। पंजाब में तो खासकर सैप की काफी डिमांड देखने को मिल रही है। देश में अन्न के कटोरे के नाम से मशहूर इस सूबे में सैप को अपनाने वालों में कई कंपनियों ने नाम शामिल हैं। इनमें इंटरनैशनल ट्रैक्टर्स, अपर इंडिया स्टील, रॉकमैन साइकिल्स, अभिषेक इंडस्ट्रीज, कूडोज केमी लिमिटेड, भारत बॉक्स फैक्टरी, दीपक फास्टनर्स लिमिटेड, वर्धमान पॉलीटेक्स लिमिटेड लिमिटेड और केडीडीएल लिमिेटेड के नाम तो खासे बड़े हैं।
ओसवाल ग्रुप की कंपनी वर्धमान पॉलीटेक्स लिमिटेड के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अरुण अत्री का कहना है कि,’सैप के उत्पादों को तो लोग-बाग खासे पसंद कर रहे हैं। उपभोक्ता को बकायदा इसकी मांग रहे हैं। हमने इसके जबरदस्त ट्रैक रिकॉर्ड और इसमें एकीकरण की जबरदस्त क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसे चुना है।
इस कंपनी का धांसू सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के मामले में तो कोई सानी ही नहीं है। उन्होंने हमें जो सॉफ्टवेयर मुहैया करवाए हैं, वो हमारी इस वक्त की सारी जरूरतों को पूरा करने के काफी हैं। साथ ही, उन्हीं की वजह से तो हम बिजनेस प्रोसेस में दूसरी कंपनियों से आगे निकलने में मदद मिली।’
उनकी इस बात से तो केडीडीएल लिमिटेड में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख संगीत मल्होत्रा भी इत्तेफाक रखते हैं। उनका भी का कहना है कि, ‘हम अपने कामकाज को एकीकृत और एक जगह पर इकट्ठा करना चाहते थे। अपनी कंपनी में लचीलेपन को बढ़ाना भी हमारी ख्वाहिश थी। साथ ही, हम जानकारियों तक तुरंत पहुंच भी चाहते थे।
सैप ने हमारी ये सारी ख्वाहिशें पूरी कर दीं। इनसे हमें एक यूनिफाइड प्लेचफार्म मुहैया करवाया। उस प्लेटफॉर्म की मदद से हम आज की तारीख में जब चाहें तब कंपनी से जुड़ी हुई सारी जानकारियों तक पहुंच सकते हैं।’ सैप इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट (मार्केटिंग) नागराज भार्गव का कहना है कि,’हम और हमारे साझीदार भारत के छोटी और मझोली कंपनियों की जरूरत और उनकी विकास की उम्मीदों को समझने के लिए उनके साथ काफी मिल-जुलकर काम करते हैं।
हमें पता है कि भारत में मौजूद छोटे और मझोले उद्यम खास तरह की तकनीकों के मुरीद हैं। उनकी चाहत ऐसी तकनीक हासिल करने की होती है, जिससे उद्योग में मौजूद बेहतरीन तकनीक उनके पास हो। साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि नई तकनीक उन्हें उनके प्रतिद्वंद्विंयों को पीछे छोड़ने में मदद करे। हमारे सॉफ्टवेयरों को समय के हिसाब से बदलने के साथ-साथ छोटे और मझोले सेक्टर के उद्यमों के विकास में मददगार बनना होगा।
सैप का बाजार में बढ़ता शेयर और उपभोक्ताओं के बीच संतुष्टि की उच्चदर इस बात का सबूत है कि यह सेक्टर हम लोगों पर कितना ज्यादा भरोसा करता है। मुझे भरोसा है कि हम उनके विश्वास प्राप्त वेंडर आगे भी बने रहेंगे।’ सैप इस वक्त बिजनेस सॉफ्टवेयर की दुनिया में जानी-मानी कंपनी है। इस वक्त दुनिया के 120 देशों की 46,100 कंपनियां सैप के अप्लीकेशन इस्तेमाल कर रही हैं। वह छोटी और मझोली कंपनियों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों को भी सॉफ्टवेयर मुहैया करवाती है।
सैप को इस काम में मदद करता है उसका सैप नेटविवर प्लेटफार्म। जो नई सोच और बिजनेस में बदलाव को बढ़ावा देता है। सैप के सॉफ्टवेयर दुनिया भर की सभी साइज की कंपनियों को उपभोक्ताओं के साथ संबंध बनाने, साझीदारों की संबंधों को बेहतर बनाने और दुनिया भर में सप्लाइ चेनों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। साथ ही, आज तो इसके सॉफ्टवेयर तो एक तरीके से बिजनेस ही चला रहे हैं।
सैप के सॉफ्टवेयर आज की तारीख में 25 से भी ज्यादा इंडस्ट्रीज को काम करने में काफी मदद कर रहे हैं। इन इंडस्ट्रीज में टेक्नोलॉजी, रिटेल, वित्तीय सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं और यहां तक की सरकारी सेक्टर की भी मदद करते हैं।
इस कंपनी की शाखा आज 50 से भी ज्यादा देशों में फैली हुईं। साथ ही, यह कंपनी दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड भी है। इनमें फ्रैंकफर्ट का स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिका की वित्तीय राजधानी न्यूयॉर्क का स्टॉक एक्सचेंज भी शामिल है।