आप भी जल्दी ही अपने टीवी सेट पर 35 एमएम के पर्दे वाली पिक्चर क्वालिटी का मजा उठा पाएंगे।
साथ ही, आपकी टीवी की आवाज भी अब सीडी प्लेयरों तक को शर्मा देगी। इसके अलावा, अब आप टीवी पर फिल्मों को सिनेमा हॉल के अंदाज में वाइड स्क्रीन पर देख पाएंगे। मतलब, अब आपको टीवी पर फिल्म देखते वक्त स्क्रीन के ऊपर नीचे काले बार नजर नहीं आएंगे। जी हां, यह अजूबा सचमुच होगा और यह कमाल करके दिखाएगा हाई डेफिनिशन टीवी (एचडीटीवी), जो साल के आखिर में भारत में आने वाला है।
डिश टीवी और रिलायंस कम्युनिकेशन जैसे कई डीटीएच ऑपरेटर अब अपने मुल्क में एचडीटीवी सेट टॉप बॉक्स उतरने की सोच रहे हैं। वैसे, इस सेट टॉप बॉक्स को लेने के लिए आपको मोटी रकम चुकानी पड़ेगी। वैसे, ब्रॉडकास्टर तो एचडीटीवी के लिए अभी से तैयार हैं।
पीटर मुखर्जी का आईएनएक्स मीडिया और स्टार टीवी, एचडीटीवी तकनीक पर आधारित कार्यक्रम बना रहे हैं। साथ ही, एचडीटीवी के लिए तैयार या एचडीटीवी कॉम्पैटेबिल टीवी भी अपने देश में खूब बिक रहे हैं। देश में पिछले एक साल में बिके टीवी सेटों में से करीब 16 फीसदी (25 लाख टीवी सेट) एचडीटीवी रेडी हैं। बस, उनमें आपको एचडीटीवी सेट टॉप बॉक्स को जोड़ना है और फिर मजा लिजिए जबरदस्त पिक्चर क्वालिटी और धमाकेदार आवाज का।
जी समूह की डीटीएच कंपनी, डिश टीवी के निदेशक जवाहर गोयल का कहना है, ‘हमारे सारे डीटीएच यंत्र, एचडीटीवी के लिए तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि हम इसी साल की तीसरी तिमाही से एचडीटीवी के सेट टॉप बॉक्सों की बिक्री भी शुरू कर देंगे।’ गोयल के मुताबिक डिश टीवी इन नए सेट टॉप बॉक्सों की कीमत 85 से 100 डॉलर (3,315 से 3,900 रुपये) के बीच रखेगी।
ध्यान रहे कि सामान्य सेट टॉप बॉक्सों की कीमत इससे आधी होती है। दूसरी तरफ, रिलायंस कम्युनिकेशन के एक एग्जीक्यूटिव का कहना है कि, ‘हमारी कंपनी भी एचडीटीवी सेट टॉप बॉक्स लॉन्च करने के लिए कंटेंट की तलाश में जुटी हुई है। हम एचडीटीवी सेट टॉप बॉक्सों को लोगों को जरूर ऑफर करेंगे।’ हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह इस सेट टॉप बॉक्स कब लॉन्च करेगी। अब तो प्रोडयूसर और ब्रॉडकास्टर भी लोगों को एचडीटीवी कंटेंट मुहैया करवाने की दौड़ में जुट गए हैं।
आईएनएक्स के प्रोमोटर पीटर मुखर्जी का कहना है कि, ‘एचडीटीवी कंटेंट बनाना, सामान्य कंटेंट से 30 से 50 फीसदी ज्यादा महंगा पड़ता है। फिर भी हमने अपने न्यूज चैनल को एचडीटीवी तकनीक से लैस करने का फैसला किया। हम एक नए चैनल को लॉन्च कर रहे हैं, ऐसे में पुराने जमाने की तकनीक इस्तेमाल करने का कोई तुक नहीं है। इसलिए तो हमने एचडीटीवी को अपनाने का फैसला किया।’
दूसरी तरफ, इंटरटेनमेंट चैनलों की दुनिया में स्टार टीवी, एचडीटीवी की तरफ सबसे पहले कदम बढ़ा रही है। चैनल के जनरल मैनेजर कीर्तन आध्यांत का इस बारे में कहना है कि, ‘स्टार प्लस के आने वाले शो ‘महाभारत’ को बनाने में एचडीटीवी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। हम इस बारे में अभी प्रयोग कर रहे हैं। अगर लोगों का रिस्पॉन्स अच्छा रहा तो हम इस टेक्नोलॉजी का दूसरे प्रोग्रामों के लिए भी इस्तेमाल करेंगे।
‘यह तकनीक तो क्षेत्रीय ब्रॉडकास्टरों को भी काफी लुभा रही है। मिसाल के तौर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के बेटे वाई.एस. जगमोहन रेड्डी के अक्टूबर में लॉन्च होने वाले न्यूज चैनल को ही ले लीजिए। चर्चा यह है कि यह चैनल भी एचडीटीवी तकनीक का ही इस्तेमाल करेगा। रेड्डी के मुताबिक एचडीटीवी तकनीक, पुरानी तकनीक (स्टैंडर्ड डेफिनिशन टेलिविजन) के तुलना में 30 फीसदी ज्यादा महंगी होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चैनल इसलिए तरफ खींचे चलने की सबसे बड़ी वजह सरकार का 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स का प्रसारण एचडीटीवी तकनीक पर करने का फैसला है। इसी वजह से तो दूरदर्शन इस तकनीक को अपनाने की तैयारी में जुटी हुई है। उम्मीद है कि वह जल्द ही एचडीटीवी को प्रयोग के आधार पर लॉन्च करेगी। उसने घोषणा भी कर रखी है कि कॉमनवेल्थ गेम्स पर कार्यक्रमों को एचडीटीवी फॉर्मेट में ही तैयार किया जाएगा।